Chai Par Sameeksha: उत्तर में कहां फंस रहा BJP का पेंच, दक्षिण में माहौल क्या है?

By अंकित सिंह | Apr 22, 2024

लोकसभा चुनाव को लेकर सियासत जबरदस्त तरीके से जारी है। हमने प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में भी सियासी मुद्दों पर चर्चा की। हमेशा की तरह इस कार्यक्रम में मौजूद रहे प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे जी। हमने नीरज कुमार दुबे से पहले सवाल दक्षिण को लेकर ही पूछा। हमने पूछा कि आखिर दक्षिण में क्या माहौल है? इसके जवाब में नीरज दुबे ने कहा कि कर्नाटक की बात करें तो कहीं ना कहीं भाजपा को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है। कर्नाटक में भाजपा और जेडीएस का जो गठबंधन है, उसको जबरदस्त सपोर्ट मिलता दिखाई दे रहा है। भाजपा ने जेडीएस के साथ गठबंधन करके जो कहीं कमी दिखाई दे रही थी, उसको पूरा करने की कोशिश की है। कांग्रेस के प्रति लोगों में नाराजगी है। जिस तरीके से बेंगलुरु के एक कैफे में आतंकवादी हमला हुआ और कांग्रेस सरकार ने जैसे डील किया, उससे भी लोग नाराज है। 


नीरज दुबे ने कहा कि कांग्रेस ने कर्नाटक में 5 गारंटी देकर चुनाव लड़ा था। लेकिन कांग्रेस ने उन गारंटियों को लागू नहीं किया है। कांग्रेस पर वादाखिलाफी का आरोप लग रहा है। कांग्रेस के विधायक नाराज चल रहे हैं। विकास के लिए सरकार से फंड नहीं मिल रहा है। कांग्रेस ने राज्य के लोगों से जो वादे किए थे वह पूरे नहीं हो पा रहे हैं। इस वजह से भी माहौल कांग्रेस के खिलाफ जाता हुआ दिखाई दे रहा है।

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तमिलनाडु और केरल को लेकर नीरज दुबे ने कहा कि भाजपा के पक्ष में माहौल बनता दिखाई दे रहा है। लेकिन ऐसा नहीं है कि भाजपा यहां बहुत ज्यादा सीटें जीतने जा रही है। तमिलनाडु के 39 सीटों में से तीन से चार सीटों पर भाजपा को बढ़त मिल सकती है। वहीं, केरल में भी एक या दो सीटें भाजपा के पक्ष में आ सकती हैं। हालांकि, जहां कुछ भी नहीं था वहां अगर भाजपा का खाता खुला तो यह पार्टी के लिए बहुत बड़ी बात है। यही कारण है कि भाजपा जमीन पर जबरदस्त मेहनत करते नजर आ रही है। तमिलनाडु में के अन्नामलाई ने भाजपा के पक्ष में एक नया माहौल बनाया है। राज्य में भाजपा एआईएडीएमके की जगह लेने की कोशिश कर रही है। 


उत्तर भारत में चुनावी लड़ाई टाइट है। इस संदर्भ में हमने नीरज दुबे से सवाल पूछा। नीरज दुबे ने कहा कि हां, मामला बहुत संघर्ष का दिखाई दे रहा है। लेकिन ऐसा नहीं है कि वहां के लोग बदलाव के लिए वोट कर रहे हैं। वहां विपक्षी दलों ने जातीय समीकरण को आधार बनाया है। जातीय समीकरण को आधार बनाते हुए ही उम्मीदवारों को तय किए गए हैं। यही कारण है कि मीडिया में भाजपा के नुकसान को लेकर खबरें चल रही है। लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था बड़ा मुद्दा है। यही कारण है कि भाजपा के पक्ष में बड़ी संख्या में मतदाता जा सकते हैं। इसके अलावा बाकी के क्षेत्र को लेकर भी उन्होंने कहा कि वहां क्षेत्रीय दल कांग्रेस के सहयोग से मजबूती से टक्कर देने की कोशिश कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान सहित तमाम राज्य में महिला वोटर बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। यही कारण है कि भाजपा महिलाओं को साधने की कोशिश में है। 

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