By अंकित सिंह | Nov 29, 2024
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक देश के संघीय ढांचे पर हमला है। उन्होंने दावा किया कि यह बिल मुसलमानों के अधिकार छीन लेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र ने इस बिल पर हमसे सलाह नहीं ली। यह बिल मुसलमानों पर हमला है और हम इसका समर्थन नहीं करते। हम इसका विरोध करेंगे। गैर-मुसलमानों सहित विभिन्न समुदाय वक्फ संपत्तियों के लिए दान देते हैं और धन का उपयोग कल्याण और विकासात्मक कार्यों, जैसे स्कूल स्थापित करना, घर बनाना, छात्रवृत्ति देना आदि के लिए किया जाता है।
ममता ने साफ तौर पर कहा कि वक्फ विधेयक से मुसलमानों के अधिकार छीन लिए जाएंगे। मुझे ऐसा लगता है (बिल) राजनीतिक कारणों से किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी धर्म पर हमला हुआ तो वह पूरे दिल से इसकी निंदा करेंगी। विपक्षी दलों ने मौजूदा वक्फ अधिनियम में विधेयक द्वारा प्रस्तावित संशोधनों की कड़ी आलोचना की है तथा आरोप लगाया है कि ये संशोधन मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दावा किया है कि संशोधन से वक्फ बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता आएगी और वे जवाबदेह बनेंगे। इस विवादास्पद विधेयक की जांच के लिए एक संसदीय समिति गठित की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वक्फ मामलों को ब्रिटिश काल में 1934 में एक अधिनियम के तहत लाया गया था और आजादी के बाद इसमें संशोधन किया गया तथा 1995 में एक और संशोधन किया गया था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आठ अगस्त 2024 को लोकसभा में विधेयक पेश किया था, जिसका मुख्य उद्देश्य इसमें संशोधन करना था। मेरा मानना है कि अगर यह कानून बन गया तो वक्फ खत्म हो जाएगा। केंद्र को इस मामले पर राज्यों से बात करनी चाहिए थी, क्योंकि केंद्रीय वक्फ बोर्ड की तरह राज्य निकाय भी है। और यह एक अर्ध-न्यायिक निकाय है।