By सुयश भट्ट | Nov 19, 2021
भोपाल। केंद्र सरकार ने 3 कृषि कानूनों की वापसी को लेकर निर्णय लिया है। किसानों का आंदोलन करीब सालभर से जारी है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को इन कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया। पिछले साल किसानों के साथ कई दौर की चली वार्ता में सरकार की ओर से बैठक में शामिल होने वाले कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि हम कुछ किसानों को कृषि कानूनों का फायदा बताने में विफल रहे।
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नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 बिल लेकर आए और संसद में पास भी हुआ। इनसे किसानों को फायदा होता। इसके पीछे किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने की प्रधानमंत्री की साफ नियत थी। लेकिन मुझे दुख है कि हम देश के कुछ किसानों को इसका लाभ समझाने में विफल रहे।
उन्होंने कहा मैं उन लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने हमारे साथ मिलकर कृषि अर्थशास्त्रियों, वैज्ञानिकों और किसान संगठनों ने इन लाभों को समझाने की कोशिश की। निश्चित रूप से उनका बहुत आभारी हूं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इस बात की कोशिश की थी कि इन सुधारों के बाद कृषि क्षेत्र में बदलाव आए।
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कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि हमने उनके साथ चर्चा की, समझाने की कोशिश की, लेकिन हम सफल नहीं हो पाए. इसलिए प्रधानमंत्री जी ने आज गुरुनानक के गुरुपर्व के अवसर पर कृषि कानूनों को वापस लिए जाने का ऐलान किया।
मंत्री ने कहा कि उन्होंने कहा कि देश इस बात का गवाह है कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सरकार की बागडोर अपने हाथों में ली है। उनकी सरकार की प्रतिबद्धता किसानों और कृषि के लिए रही है। परिणामस्वरूप आपने देखा होगा कि पिछले 7 सालों में कृषि को लाभ पहुंचाने वाली कई नई योजनाएं शुरू की गईं।
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उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से छोटे किसानों के साथ है। छोटे किसानों को आर्थिक सहायता देने के मकसद से पीएम किसान सम्मान निधि योजना शुरू की गई. 1.62 लाख करोड़ रुपये इस योजना के तहत किसानों को दिए गए।