By अंकित सिंह | Dec 13, 2024
साल 2024 अपने समापन की ओर है। 2024 में भारत में कई राजनीतिक घटनाओं को देखा गया। इस साल देश में आम चुनाव भी हुए। इसके अलावा कई राजनीतिक उठा पटक का दौर भी हम सबके सामने आया। इस साल की कुछ सबसे बड़ी राजनीतिक हलचल के बारे में आपको हम बताते हैं।
साल की शुरुआत में ही एक बड़ा राजनीतिक परिवर्तन देखने को मिला। देश में भाजपा के खिलाफ विपक्षी इंडिया गठबंधन की नींव रखने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर पलटी मार दी। जनवरी के महीने में चर्चाओं के बीच उन्होंने एक बार फिर से एनडीए में वापसी की और नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने में भी कामयाब हुए। नीतीश कुमार की वजह से भाजपा को चुनावी लाभ हुआ।
2024 में देश में आम चुनाव हुए। यह आम चुनाव भीषण गर्मी के बीच सात चरणों में संपन्न हुए। इस आम चुनाव में एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन के बीच मुकाबला देखने को मिला। एनडीए ने एक बार फिर से नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव 400 पार का नारा देकर मैदान में उतरी। भाजपा को बड़ा झटका लगा। वह अपने दम पर सरकार नहीं बना सकी। एनडीए को 293 सीटें ही मिल सकी। दूसरी ओर इंडिया गठबंधन 201 सीट हासिल करने में कामयाब रहा। कांग्रेस 99 सीट जीतने में सफल रही। वहीं अन्य पार्टियों को 33 सीटे एक बार फिर से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार तीसरी बार देश में बनी।
इस साल सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक चुनावी नतीजे ओडिशा से हैं। लोकसभा चुनाव के साथ ही ओडिशा में विधानसभा के चुनाव हुए थे। 147 सीटों वाली ओडिशा विधानसभा में भाजपा ने 78 सीटों पर जीत हासिल की। इसके साथ ही पार्टी ने 24 सालों से ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे नवीन पटनायक और उनकी पार्टी की सरकार को खत्म किया। भाजपा ने मोहन चारण माझी को वहां का मुख्यमंत्री बनाया है।
इस साल के चुनाव की बाद करें तो जम्मू कश्मीर के लिए काफी अहम रहा। जम्मू कश्मीर में 10 साल के बाद विधानसभा के चुनाव हुए। यह चुनाव धारा 370 हटाने और 35 ए निरस्त होने के बाद पहली बार हो रहे थे। इस चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन जीतने में कामयाब रहा। भाजपा का प्रदर्शन जम्मू क्षेत्र में तो अच्छा रहा लेकिन कश्मीर में अभी भी उसे इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि, प्रदर्शन के लिहाज से व्यक्तिगत तौर पर कांग्रेस के लिए यह चुनाव बेहद ही खराब रहा। चुनावी नतीजों के बाद नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
तमाम अटकलों को खारिज करते हुए हरियाणा में भाजपा ने जबरदस्त जीत हासिल की। हरियाणा को लेकर यह दावा किया जा रहा था कि यहां कांग्रेस मजबूत स्थिति में है। लेकिन भाजपा ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मनोहर लाल खट्टर के जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया था जिसका फायदा विधानसभा चुनाव में पार्टी को हुआ। पार्टी सरकार विरोधी लहर को कम करने में कामयाब रही। भाजपा को 90 विधानसभा सीटों में से 48 पर जीत मिली। वहीं कांग्रेस 37 सीटों पर सीमट गई। नायब सिंह सैनी एक बार फिर से प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
इस साल सबकी नजर महाराष्ट्र पर भी रही। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के दौरान एनडीए को जबरदस्त नुकसान का सामना करना पड़ा था। ऐसे में विधानसभा चुनाव को लेकर भी तमाम अटकलें लगाई जा रही थी। दावा किया जा रहा था की महा विकास अघाड़ी की पकड़ राज्य में मजबूत हुई है। हालांकि, इस चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने जबर्दस्त बहुमत हासिल की। न सिर्फ भाजपा बल्कि एकनाथ शिंदे और अजित पवार की पार्टी को भी फायदा हुआ। एक बार फिर से देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में राज्य में महायुति की सरकार बनी।
इंडिया गठबंधन के लिए झारखंड चुनाव अच्छा रहा। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड में इंडिया गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया। झारखंड के लिए अच्छी बात यह भी रही कि इस बार सिर्फ दो चरण में ही चुनाव हुए थे। झामुमो के नेतृत्व वाली गठबंधन को 56 सीटें मिली जबकि एनडीए सिर्फ 24 सीटें ही जीत सका। हेमंत सोरेन फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने।