By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 13, 2021
नयी दिल्ली| दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को कहा कि संकट के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की कोई कटौती नहीं की गयी है क्योंकि अरविंद केजरीवाल नेतृत्व वाली सरकारअधिक दरों पर खरीदी गई गैस से बिजली उत्पादन के जरिए चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली पड़ोसी राज्यों में कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से बिजली खरीदती है लेकिन ये राज्य कोयले के संकट के कारण बिजली का उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं। बिजली मंत्री ने दावा किया कि नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनटीपीसी) को खरीद समझौते के तहत दिल्ली को 3,500 मेगावाट बिजली देनी है लेकिन केवल 1,750 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही, जो समझौते से आधी है।
बहरहाल, एनटीपीसी ने स्पष्ट किया कि दिल्ली को आवश्यकतानुसार बिजली आपूर्ति की जा रही है लेकिन शहर की बिजली वितरण कंपनियां केवल 70 प्रतिशत बिजली ही दे रही हैं। एनटीपीसी ने ट्वीट किया, ‘‘एनटीपीसी दिल्ली के लिए आवश्यक बिजली उपलब्ध करा रही है।
आंकड़ों के अनुसार (एक अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक) दिल्ली डिस्कॉम कंपनियां केवल 70 प्रतिशत बिजली दे रही हैं।’’ जैन ने कहा कि दिल्ली कोयला आधारित सभी बिजली संयंत्र संचालन में नहीं है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इसके बारे में ‘‘अफवाहें’’ फैला रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के पास गैस द्वारा संचालित बिजली संयंत्र हैं लेकिन केंद्र ने नियंत्रित दर पर शहर को गैस देना बंद कर दिया है।
इसके चलते दिल्ली सरकार को बिजली उत्पादन के लिए बाजार दरों पर गैस खरीदनी पड़ी। मंत्री ने कहा, ‘‘इससे दिल्ली में बिजली उत्पादन की लागत बढ़ गयी है। इसके बावजूद शहर में बिजली में कोई कटौती नहीं की गयी और आम आदमी पार्टी (आप) नेतृत्व वाली सरकार लोगों को चौबीसों घंटे बिजली दे रही है।’’ उन्होंने केंद्र सरकार से यह भी पूछा कि क्या देश में सही में कोयले की कमी है या वह ‘‘जानबूझकर’’ बिजली कटौती कर रही है।
उन्होंने कहा कि करीब छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखे हैं। जैन ने कहा, ‘‘चाहे पंजाब हो, आंध्र प्रदेश या उत्तर प्रदेश, देश में दिल्ली के अलावा हर जगह बिजली में कटौती की जा रही है।