By निधि अविनाश | Feb 23, 2022
रूस-यूक्रेन के बीच गतिरोध बढ़ने के साथ वैश्विक बाजारों में भारी बिकवाली के बीच सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाले टीसीएस, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में गिरावट से घरेलू बाजार नीचे आया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सोमवार को पूर्वी यूक्रेन में दो अलग-अलग क्षेत्रों को मान्यता देने और वहां सैनिकों को तैनात करने के फैसले ने यूरोप में एक बड़े युद्ध की कगार पर ला कर खड़ा कर दिया है।
भविष्य में इस युद्ध और तनाव से वैश्विक बाजारों में बहुत बुरा असर होता दिखेगा। बता दें कि, इस तनाव से कच्चे तेल को लगभग 10 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है जिसके कारण मुद्रास्फीति और गतिविधि पर अधिक प्रभाव पड़ रहा है। दो देशों के बीच तनाव बढ़ने से पहले ही, 80% से अधिक विश्लेषकों ने कहा कि, इस साल कंपनी की आय पर मुद्रास्फीति का महत्वपूर्ण या बहुत महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। वहीं बात करें टोक्यो शेयर बाजार की तो मंगलवार को निक्केई स्टॉक एवरेज 1.71% गिरकर 26,449.61 पर बंद हुआ। वहीं यूक्रेन पर बढ़ते तनाव के बीच सोमवार को टोक्यो के कारोबार में डॉलर 115 येन से नीचे गिर गया। शाम 5 बजे डॉलर 114.93-93 येन पर रहा, जो शुक्रवार को इसी समय 115.12-12 येन था। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दो रूसी नेतृत्व वाले अलग-अलग क्षेत्रों - डोनेट्स्क और लुहान्स्क - की स्वतंत्रता को मान्यता देने के बाद टोक्यो के बाजार में चौथे कारोबारी दिन तक गिरावट बनी रही।
निवेशकों की बढ़ी चिंता
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच निवेशकों को चिंता है कि अगर युद्ध होता है तो महत्वपूर्ण वस्तुओं की आपूर्ति को बाधित करके विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति को बढ़ा सकता है। बता दें कि, रूस दुनिया के सबसे बड़े तेल आपूर्तिकर्ताओं में से एक है, साथ ही गेहूं का सबसे बड़ा निर्यातक और एक प्रमुख धातु उत्पादक है। वहीं यूक्रेन मक्का और गेहूं का एक प्रमुख वैश्विक आपूर्तिकर्ता है। इसके अलावा, निवेशक यह आकलन करने का प्रयास कर रहे हैं कि, फेडरल रिजर्व कितनी जल्दी मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए ब्याज दरें बढ़ाएगा।