By अभिनय आकाश | Oct 18, 2022
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मंगलवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट की सुनवाई में शामिल हुए। सीबीआई की तरफ से राजद नेता को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग की गई। कथित आईआरसीटीसी (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन) घोटाले से जुड़े एक मामले की जांच के बीच, जांच एजेंसी के अधिकारियों ने तेजस्वी यादव पर जांच को प्रभावित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। यादव पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सीबीआई अधिकारियों को धमकाने का आरोप लगाया गया था। हालांकि, दिल्ली की अदालत ने जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया।
आईआरसीटीसी मामले के एक आरोपी यादव की ओर से पेश अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने सीबीआई के वकील की दलील से इनकार किया। सिंह ने कहा, "मेरे मुवक्किल की प्रेस कॉन्फ्रेंस दूसरे संदर्भ में थी। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई चीजों, घोटालों और अन्य राजनीतिक मुद्दों पर बात की। तेजस्वी यादव के वकीलों का कहना है कि मैं विपक्ष में हूं और सरकार के गलत कामों पर सवाल उठाना मेरा कर्तव्य है। सीबीआई और ईडी का वर्तमान सरकार द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है... सभी विपक्षी दल के सदस्यों को ऐसा ही लगता है।
तेजस्वी को फटकार लगाते हुए आगे से ऐसे बयान न देने के लिए कहा है। अदालत ने तेजस्वी को सार्वजनिक रूप से बोलते हुए जिम्मेदार होने की चेतावनी दी। अदालत ने कहा, "हम जमानत रद्द नहीं कर रहे हैं। आज विस्तृत आदेश पारित करेंगे और तेजस्वी को बेहतर व्यवहार करने की चेतावनी देंगे। कोर्ट ने पूछा कि क्या डिप्टी सीएम रहते ऐसे बयान देने चाहिए?