तमिलनाडु सरकार राजीव गांधी की हत्या के दोषियों की रिहाई चाहती है: महाधिवक्ता

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 30, 2021

चेन्नई|  तमिलनाडु के महाधिवक्ता आर षणमुगसुंदरम ने सोमवार को कहा कि राजीव गांधी हत्याकांड के सभी सात दोषियों को रिहा करने के मुद्दे पर द्रमुक के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।

उन्होंने यह बात तब कही, जब उनसे पत्रकारों ने पूछा कि क्या इस मामले में सरकार के रुख में कोई बदलाव आया है।

इसे भी पढ़ें: तमिलनाडु के जवान को वीर चक्र से सम्मानित किया जाना गौरव की बात: स्टालिन

सरकार ने दोषियों में से एक नलिनी की याचिका पर उच्च न्यायालय में दायर अपने जवाबी हलफनामे में इसे खारिज करने का आग्रह करते हुए कहा कि यह कानून के लिहाज से ठीक नहीं है, जिसमें राज्यपाल की मंजूरी के बिना समय-पूर्व रिहाई की मांग की गई है।

पिछली अन्नाद्रमुक सरकार ने सितंबर 2018 में एक मंत्रिमंडल प्रस्ताव के माध्यम से तत्कालीन राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को मुरुगन, सांथन, एजी पेरारिवलन, पी जयकुमार, रविचंद्रन, रॉबर्ट पायस और नलिनी की रिहाई की सिफारिश की थी। इन सभी को मई 1991 में श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या किए जाने के मामले में दोषी ठहराया गया था।

महाधिवक्ता ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति पीडी ऑडिकेसवालु की प्रथम पीठ के समक्ष नलिनी द्वारा 2020 में दायर की गई रिहाई याचिका के जवाब में सरकार का हलफनामा दायर किया।

नलिनी और अन्य की इस तरह की राहत मांगने वाली विभिन्न याचिकाएं पूर्व में उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय द्वारा यह कहकर खारिज की जा चुकी हैं कि राज्यपाल को कोई निर्देश नहीं दिया जा सकता क्योंकि उन्हें संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत अधिकार प्राप्त है। दायर जवाबी हलफनामे में नलिनी की याचिका को खारिज करने का आग्रह किया गया है।

महाधिवक्ता ने पीठ से कहा कि इसी तरह की याचिका पेरारिवलन ने दायर की है, जो उच्चतम न्यायालय में लंबित है और इस पर सात दिसंबर को सुनवाई होने जा रही है।

पीठ ने सरकार को एक अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले को तीन सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दिया। इस बीच, पत्रकारों के इस सवाल के जवाब में कि क्या सातों दोषियों की रिहाई पर पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार के रुख से भिन्न मौजूदा द्रमुक सरकार के रुख में कोई बदलाव आया है, महाधिवक्ता ने ‘न’ में उत्तर दिया।

इसे भी पढ़ें: तमिलनाडु: बकरी चोर गिरोह ने पुलिसकर्मी की हत्या की, मुख्यमंत्री ने शोक जताया

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के राज्यपाल की मंजूरी के बिना समय पूर्व रिहाई का आग्रह करने वाली नलिनी की याचिका को हम खारिज करने का आग्रह कर रहे हैं, क्योंकि यह कानून के लिहाज से ठीक नहीं है।

प्रमुख खबरें

Infinix note 40 pro 5G फोन हुआ सस्ता, फ्लिपकार्ट की ये धमाकेदार डील मिस मत करना

दिल्ली के प्रदूषण से तंग हो गए हैं, तो इन प्राकृतिक जगहों पर जरुर घूमने जाएं

मेरे लिए तो था.... पहली नजर में ही Zaheer Iqbal को दिल दे बैठी थीं Sonakshi Sinha

महाराष्ट्र में फिर एक बार महायुति सरकार, CM की रेस बरकरार, झारखंड में हेमंत सोरेन का चमत्कार