2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के आरोपी पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा ने भारत में अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। नौवें सर्किट के लिए अमेरिकी अपील न्यायालय सहित निचली और संघीय अदालतों में लड़ाई हारने के बाद यह उनका अंतिम कानूनी प्रयास है, जिसने 23 सितंबर को रोक के उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था।इसी साल 15 अगस्त को अमेरिकी फेडरल कोर्ट ने भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत तहव्वुर को भारत भेजने का फैसला सुनाया था। इस फैसले के खिलाफ राणा अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। तहव्वुर पर मुंबई हमले की फंडिंग का आरोप है।
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी राणा ने पिछले साल फेडरल कोर्ट नाइंथ सर्किट में याचिका दायर की थी। उसने गुहार लगाई थी कि सुनवाई तक उसे भारत को न सौंपा जाए, लेकिन उस गुहार को खारिज कर दिया गया था। मई 2023 में भी अमेरिकी अदालत ने राणा की तरफ से दायर याचिका को खारिज किया था। अब अगर सुप्रीम कोर्ट भी तहव्वुर की अपील को खारिज कर देता है, तो वह आगे और अपील नहीं कर पाएगा। इसके बाद तहव्वुर को भारत लाया जा सकेगा।
भारत को सौंपे जाने से बचने के लिए राणा ने अमेरिकी कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। इस याचिका का इस्तेमाल उस समय किया जाता है, जब किसी व्यक्ति को अवैध रूप से कस्टडी में रखा जाए। इसके बाद लॉस एंजिलिस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने कहा था कि जिन आरोपों को आधार बनाकर भारत ने तहव्वुर के प्रत्यर्पण की मांग की है।