By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 28, 2022
नयी दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि, केंद्रीय श्रमिक संगठनों की हड़ताल और राजस्थान में दलितों के खिलाफ अत्याचार के मुद्दों पर विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को राज्यसभा की बैठक आरंभ होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह 11 बजे जैसे ही उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।
इसके बाद उन्होंने बताया कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के अशोक सिद्धार्थ, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के विनय विस्वम, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के एम षणमुगम, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विकास रंजन भट्टाचार्य, द्रमुक के तिरूचि शिवा और तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन सहित कुछ अन्य सदस्यों ने पेट्रोल व डीजल की कीमतों में वृद्धि, श्रमिक संगठनों की आम हड़ताल और राजस्थान में दलितों के खिलाफ अत्याचार के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इन सभी नोटिस को स्वीकार नहीं करने का फैसला किया है।’’ इस पर विरोध जताते हुए विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। डेरेन ओब्रायन ने अपने स्थान से कुछ कहा लेकिन हंगामे के कारण उनकी बात सुनी नहीं जा सकी। इसके बाद नायडू ने सदन की कार्यवाही 11 बजकर छह मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। हंगामा कर रहे सांसदों के रुख पर आश्चर्य जताते हुए सभापति ने कहा, ‘‘व्हाट इज दिस (यह क्या हो रहा है) ?’’ इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।