Health Tips: पेशाब करते समय इन लक्षणों के सामने आने पर होता है UTI का खतरा, जानिए इसके कारण

By अनन्या मिश्रा | Jul 19, 2023

यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन किसी भी व्यक्ति को तब होता है। जब मलाशय या त्वचा के माध्यम से बैक्टीरिया पेशाब को निकालने वाली नलियों तक पहुंच जाते हैं। बता दें कि महिलाओं में UTI होना बेहद सामान्य होता है। अधिकतर महिलाओं को अपने जीवन में कभी न कभी इससे गुजरना पड़ता है। पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में UTI होने की संभावना करीब 30 गुना ज्यादा होती है। 


वहीं पुरुषों में भी यह विकसित हो सकता है। ज्यादा उम्र के पुरुषों में UTI के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं। इस दौरान उन्हें पेशाब करते समय जलन और दर्द का अनुभव हो सकता है। इसके अलावा बार-बार पेशाब जाना, बुखार आना, पेशाब में ब्लड आना, ठंड लगना, थकान और पेशान करने में कठिनाई होना आदि UTI के लक्षण होते हैं। बता दें कि यह महिलाओं और पुरुषों दोनों में हो सकता है। लेकिन दोनों में UTI अलग-अलग कारणों से होता है। आज इस आर्टिकल के लिए हम आपको पुरुषों में UTI होने के कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं।

इसे भी पढ़ें: Health Tips: हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने के लिए अपनाएं ये टिप्स, जानिए क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट्स


पुरुषों में यूटीआई के कारण


डिहाइड्रेशन

यूटीआई का एक मुख्य कारण डिहाइड्रेशन भी हो सकता है। क्योंकि जब आप पानी कम पीते हैं, तो इससे आपका शरीर डिहाइड्रेट होता है और शरीर में पानी की कमी होने लगती है। जिसके कारण UTI होने की संभावना बढ़ जाती है। क्योंकि जब आपके शरीर में पानी की मात्रा कम होने लगती है, तो बॉडी डिहाइड्रेट होती है। जिसकी वजह से पेशाब या यूरिन का फ्लो कम हो जाता है। इससे आपके ब्लैडर में इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। 


फाइमोसिस 

फाइमोसिस की स्थिति में लिंग के ऊपर की त्वचा टाइट हो जाती है। जिसके कारण पेशाब की कुछ बूंदे लिंग या स्किन के अंदर ही रह जाती हैं। ऐसे में स्किन के अंदर पेशाब की बूंदे धीरे-धीरे संक्रमित होने लगती हैं। इस वजह से भी UTI हो सकती हैं। वहीं फाइमोसिस की वजह से स्किन इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। कई बार यह स्थिति बेहद दर्दनाक हो जाती है।


असुरक्षित यौन संबंध

कई तरह की संक्रामक बीमारियों का कारण असुरक्षित यौन संबंध बनाना भी होता है। ऐसी स्थिति में भी UTI विकसित हो सकता है। वहीं कोई पुरुष यदि किसी संक्रमित महिला के साथ संबंध बनाते हैं, तो उनमें UTI यानी की यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने की संभावना ज्यादा होती है।


न्यूरोजेनिक ब्लैडर

न्यूरोजेनिक ब्लैडर एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें पुरुषों का ब्लैडर कंट्रोल खराब हो जाता है। ब्लैडर का कंट्रोल स्पाइनल कोड से होता है। जब किसी व्यक्ति के स्पाइन में समस्या होती है, तो उसका ब्लैडर खराब हो सकता है। इस स्थिति में पेशाब को पूरी तरह से खाली करना काफी मुश्किल होता है। क्योंकि जब ब्लैडर पूरी तरह से खाली नहीं होता है, तो इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है।


बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेसिया

आमतौर पर 50 या उससे अधिक उम्र के पुरुषों में बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेसिया की समस्या देखने को मिलती है। क्योंकि इस स्थिति में पुरुषों के प्रोटेस्ट का आकार बढ़ने लगता है। जिसकी वजह से यूरिन का फ्लो रुकने लगता है। साथ ही ब्लैडर भी पूरी तरह से खाली नहीं होता है। इसके कारण बैक्टीरियल ग्रोथ होती है और UTI के लक्षण महसूस होते हैं।

प्रमुख खबरें

सत्ता और धन का दुरुपयोग, शरद पवार का EVM में हेरफेर का आरोप, शिवसेना बोलीं- तब कहां थे...

Winter Tips: सर्दियों में ठंडे फर्श को कैसे रखें गर्म, फॉलो करें टिप्स

Uttar Pradesh Legislative Assembly में एआई से मंत्रियों-विधायकों के कामकाम पर रखी जायेगी नजर

कोच के तौर पर गौतम गंभीर का इतनी जल्दी आकलन करना गलत होगा : Ajay Jadeja