By अंकित सिंह | Oct 19, 2023
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से लगातार बड़ी बैठकर हो रही है। आने वाले दिनों में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी करेगी। हालांकि, कांग्रेस के समक्ष बड़ी चुनौती मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट को एक साथ लेकर चलना है। इन सबके बीच आज अशोक गहलोत ने एक प्रेस वार्ता करी। इस प्रेस वार्ता में सचिन पायलट को लेकर अशोक गहलोत से सवाल पूछा गया। जवाब में अशोक गहलोत ने कहा कि हम सब एकजुट है। पूरी ताकत से चुनाव लड़ रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पायलट के साथ जो लोग भी गए थे, उनके टिकट भी क्लियर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने एक टिकट पर भी ऑब्जेक्शन नहीं किया है। इससे बड़ा उदाहरण मैं क्या दे सकता हूं। उन्होंने कहा कि इसी से आप अंदाजा कर लीजिए कि हमारे आपस में कितना प्यार मोहब्बत है।
हालांकि, कहीं ना कहीं अशोक गहलोत के कई करीबियों को लेकर टिकट की स्थिति अभी भी असमंजस में है। गहलोत खेमे के विधायक शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ के टिकट को लेकर केंद्रीय नेतृत्व गहन मंथन में जुटा हुआ है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी इन नामों पर नाराजगी जता चुके हैं। यही कारण है कि राजनीति के इस जादूगर ने पायलट के बहाने आलाकमान तक अपनी बात पहुंचा दिया है। राजस्थान में कांग्रेस के सीएम कैंडिडेट के ऐलान में हो रही देरी पर गहलोत ने कहा कि चयन प्रक्रिया को लेकर विपक्ष का दर्द ये है कि कांग्रेस पार्टी में मतभेद क्यों नहीं हैं। मुझे यकीन है कि आप सचिन पायलट के बारे में बात कर रहे हैं। सारे फैसले सबकी राय से हो रहे हैं।
गहलोत ने साफ तौर पर कहा कि मैं सचिन पायलट के समर्थकों के, उनके पक्ष में लिए जाने वाले फैसलों में शामिल हो रहा हूं। सुचारु रूप से फैसले लेने की चिंता सिर्फ बीजेपी को है। मुख्यमंत्री पद पर गहलोत ने कहा कि एक बार एक महिला ने मुझसे कहा था कि भगवान की इच्छा है कि आप चौथी बार सीएम बनें। तो मैंने उनसे कहा कि मैं सीएम पद छोड़ना चाहता हूं लेकिन यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा है। अशोक गहलोत ने यह भी कहा कि देश में क्या हो रहा है?...किसी भी पार्टी की सरकार हो, जिस तरह से न्यायपालिका पर दबाव बनाया जा रहा है, ED, इनकम टैक्स और CBI का दुरुपयोग किया जा रहा है, लोकतंत्र में यह तरीका उचित नहीं कहा जा सकता। आचार संहिता घोषित होने के बाद भी आप विपक्षी दलों पर छापेमारी करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी जी (कांग्रेस) अध्यक्ष बनने के बाद, उन्होंने पहला निर्णय मुझे मुख्यमंत्री बनाने का लिया। मैं सीएम उम्मीदवार नहीं था, लेकिन उन्होंने मुझे सीएम के रूप में चुना... मैं सीएम पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा है और यह मुझे छोड़ेगा भी नहीं।