Purvottar Lok: पूर्वोत्तर की राजनीति में शुरू हुई हलचल, त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में 2023 में होने वाले हैं विधानसभा चुनाव

By रेनू तिवारी | Dec 29, 2022

आज के लेख में हम आपको राज्यवार विस्तार से इस सप्ताह का घटनाक्रम बताएंगे लेकिन सबसे पहले नजर डालते हैं पूर्वोत्तर से इस सप्ताह की सबसे बड़ी खबर पर।  आज के कार्यक्रम में हम आपको राज्यवार विस्तार से इस सप्ताह का घटनाक्रम बताएंगे लेकिन सबसे पहले नजर डालते हैं पूर्वोत्तर से इस सप्ताह की सबसे बड़ी खबर पर। 

 

त्रिपुरा 

निर्वाचन आयोग की टीम राज्य में 2023 की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए अगले साल 11 जनवरी से त्रिपुरा का दो दिवसीय दौरा करेगी। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की टीम पूर्वोत्तर राज्य की अपनी यात्रा के दौरान राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें करेगी और 60 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए सुरक्षा इंतजामों का जायजा लेगी। त्रिपुरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) गीते किरणकुमार दिनकरराव ने कहा, ‘‘मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और दो निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडे एवं अरुण गोयल की अगुवाई वाली ईसी की पूरी टीम यहां 11 जनवरी को आने वाली है और अगले दो दिन वे चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान ईसी की टीम निर्वाचन अधिकारियों और मुख्य सचिव के साथ बैठक करेगी तथा ‘‘मुक्त एवं निष्पक्ष चुनाव आयोजित कराने के लिए संशोधित मतदाता सूची एवं अन्य तैयारियों’’ का जायजा लेगी। 

 

इसे भी पढ़ें: Purvottar Lok: खासी समुदाय की पोशाक के अपमान पर बवाल, असम में अतिक्रमण रोधी अभियान, मिजोरम मंत्रिमंडल विस्तार...समेत और भी बहुत कुछ


सीईओ ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए अंतिम मतदाता सूची अगले साल पांच जनवरी को जारी की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘ईसी की टीम पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) की उपस्थिति में त्रिपुरा में सभी आठ जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ सुरक्षा इंतजामों पर अलग से बैठक करेगी।’’ अधिकारी ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में चुनाव के दौरान पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल की कुल 100 कंपनियों की मंजूरी दी गई है। अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय बलों की कई कंपनियां पहले ही यहां पहुंच चुकी हैं और जिलों में उन्हें भेजने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। सीईओ ने कहा, ‘‘ईसी की टीम राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक करेगी मुक्त एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए उनके सुझाव मांगेगी।’’ ईसी की टीम 13 जनवरी को मेघालय के शिलांग जाएगी और वहां वह चुनाव की तैयारियों का जायजा लेगी।


त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने दावा किया है कि राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले लोग मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस की नजदीकी पसंद नहीं कर रहे हैं और उन्होंने दोहराया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इन दोनों पार्टियों पर बढ़त हासिल करेगी। साहा का यह बयान माकपा और कांग्रेस सहित छह विपक्षी दलों द्वारा एक संयुक्त बयान जारी करने के एक दिन बाद आया है, जिसमें पूर्वोत्तर राज्य के ‘‘शांतिप्रिय’’ लोगों से लोकतंत्र की बहाली, कानून के शासन की फिर से स्थापना तथा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के पक्ष में आवाज उठाने को कहा गया है। 


भाजपा-आईपीएफटी (इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा) गठबंधन ने 2018 के विधानसभा चुनावों में 60 सदस्यीय सदन में दो-तिहाई बहुमत हासिल कर राज्य में 25 साल के वाम शासन को समाप्त कर दिया था। साहा ने बुधवार को कहा, ‘‘यह एक अवसरवादी मेल है। पहले दोनों पार्टियों (माकपा और कांग्रेस) के बीच गुपचुप संबंध था और अब यह सामने आ गया है। लोग इसे सकारात्मक रूप से नहीं ले रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि माकपा और कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल से कोई सबक नहीं लिया है जहां उन्होंने मिलकर तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन कुछ खास नहीं कर पाए थे। वाम दलों माकपा, फॉरवर्ड ब्लॉक, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) और भाकपा (माले) तथा कांग्रेस के नेताओं ने एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किया है। 


माकपा के प्रदेश महासचिव जितेंद्र चौधरी ने दावा किया था कि टिपरा मोथा के अध्यक्ष प्रद्योत किशोर माणिक्य ने संयुक्त बयान में व्यक्त किए गए विचारों का व्यापक रूप से समर्थन किया है, लेकिन वह इस पर हस्ताक्षर नहीं कर सके क्योंकि वह अभी राज्य से बाहर हैं। साहा ने कहा, ‘‘चुनाव में लोग अवसरवादी विचार को खारिज कर देंगे।’’ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) महासचिव अजय कुमार यहां बुधवार को पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि लोग भाजपा से तंग आ चुके हैं।

 

इसे भी पढ़ें: Purvottar Lok: असम में दस हजार सरकारी नौकरियों का ऐलान और पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में चुनावी सरगर्मी शुरू


इसके अलावा अगले साल की शुरुआत में त्रिपुरा में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी के तहत सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक जनवरी से राज्य भर में रथ यात्रा का आयोजन करेगी। पार्टी के एक नेता ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यात्रा की तैयारियों के लिए सूचना एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुशांत चौधरी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। प्रदेश की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव फरवरी में होना है। भाजपा के मीडिया प्रभारी सुनीत सरकार ने कहा, “एक यात्रा उत्तरी त्रिपुरा जिले से जबकि दूसरी दक्षिण त्रिपुरा जिले से निकलेगी।” पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुब्रत चक्रवर्ती ने कहा कि यात्रा का उद्देश्य चुनाव से पहले लोगों का आशीर्वाद लेना है। 


इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल में हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी तक चलने वाली नयी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को शुक्रवार को हरी झंडी दिखाएंगे जिससे इस मार्ग पर अन्य ट्रेनों के मुकाबले यात्रा का समय तीन घंटे तक कम हो जाएगा। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि अभी इस मार्ग पर औसतन करीब 11 घंटे में 564 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली 14 ट्रेन हैं। उन्होंने बताया कि नयी ट्रेन 7:45 घंटे में यह दूरी तय कर लेगी जिससे कोलकाता और पूर्वोत्तर के प्रवेश द्वार सिलीगुड़ी के बीच यात्रा का समय कम हो जाएगा। यह ट्रेन तीन स्टेशन- बारसोई, मालदा और बोलपुर में रुकेगी। नीले और सफेद रंग की यह ट्रेन पहले ही पूर्वी रेलवे के लिलुआ लोको शेड में पहुंच गयी है। आधुनिक यात्री सुविधाओं के साथ यह सेमी-हाई स्पीड ट्रेन उत्तरी बंगाल के पर्वतीय क्षेत्रों और दुआर्स के साथ ही सिक्किम जाने वाले पर्यटकों को आकर्षित कर सकती है। यह ट्रेन खासतौर से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो अपने-अपने गंतव्यों तक जाने से पहले सिलीगुड़ी में रात बिताना नहीं चाहते। 


असम 

असम के उत्तर-मध्य भाग में बृहस्पतिवार दोपहर बाद 3.5 तीव्रता का भूकंप आया। एक अधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है। बुलेटिन में कहा गया है कि जान-माल के नुकसान के बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं मिली है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि भूकंप दोपहर बाद 12 बजकर 27 मिनट पर आया। ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर दरांग जिले में इसका केंद्र था। बुलेटिन में कहा गया है कि भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई में था। उदलगुड़ी, तमुलपुर, कामरूप और सोनितपुर जिलों के अलावा ब्रह्मपुत्र के दक्षिणी तट पर स्थित मोरीगांव और नागांव के निवासियों ने झटके महसूस किए। पूर्वोत्तर राज्य उच्च भूकंपीय क्षेत्र में आते हैं, और यहां अकसर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।


इसके अलावा असम के कई हिस्सों में विभिन्न स्थानों पर भारी ओलावृष्टि होने से करीब 4500 घरों को नुकसान पहुंचा है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की एक रिपोर्ट के अनुसार, डिब्रूगढ़, चराइदेव, शिवसागर और तिनसुकिया जिलों के 132 गांवों में कुल 4,483 घरों को नुकसान हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 18,000 लोग ओलावृष्टि से प्रभावित हुए हैं और उन्हें तिरपाल की आपूर्ति की गई है। डिब्रूगढ़ जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि असम के ऊपरी इलाकों में सोमवार देर रात और मंगलवार तड़के भारी ओलावृष्टि हुई। प्राधिकरण की रिपोर्ट में कहा गया है कि 4,481 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए जबकि दो मकान पूरी तरह से नष्ट हो गए। अधिकारियों ने बताया कि ओलावृष्टि से खेतों में लगी फसलों को भारी नुकसान के साथ ही कई स्कूलों को भी नुकसान हुआ है। सर्दियों के मौसम में राज्य के इस हिस्से में ओलावृष्टि एक दुर्लभ घटना है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने ट्वीट किया, अधिकारियों को नुकसान का विस्तृत आकलन करने का निर्देश दिया गया है।प्रभावित सभी लोगों को सरकार हरसंभव मदद दे रही है।’’


अब बात तकते है असम में होने वाले विधानसभा चुनाव की। निर्वाचन आयोग (ईसी) ने कहा कि उसने असम में विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन शुरू कर दिया है और सीटों के समायोजन के लिए 2001 जनगणना के आंकड़ों का उपयोग किया जाएगा। आयोग ने कहा कि प्रक्रिया पूरी होने तक राज्य में नई प्रशासनिक इकाइयों के गठन पर एक जनवरी, 2023 से प्रभावी प्रतिबंध लगा दिया गया है। आयोग ने बताया कि परिसीमन अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत, असम में निर्वाचन क्षेत्रों का अंतिम परिसीमन 1971 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर 1976 में तत्कालीन परिसीमन आयोग द्वारा प्रभावी किया गया था। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 8ए के अनुसार असम की विधानसभा और संसदीय सीटों के पुनर्निर्धारण का कदम केंद्रीय कानून मंत्रालय के एक अनुरोध के बाद शुरू किया गया है। परिसीमन एक विधायी निकाय वाले देश या राज्य में क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों की सीमा या सीमाओं को निर्धारित करने की प्रक्रिया है। निर्वाचन आयोग ने एक बयान में कहा, “मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे व अरुण गोयल के नेतृत्व वाले आयोग ने असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिया है कि वह एक जनवरी 2023 सेराज्य में परिसीमन की कवायद पूरी होने तक नई प्रशासनिक इकाइयों के निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए राज्य सरकार के साथ मामला उठाएं।”


कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक को त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सोमवार को वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया। पार्टी की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने वासनिक की नियुक्ति की। इसके साथ ही, मेघालय विधानसभा चुनाव के लिए सांसद बेनी बेहनन और पूर्व सांसद जेडी सीलम को पर्यवेक्षक बनाया गया है। नगालैंड विधानसभा चुनाव के लिए सांसद फ्रांसिस्को सारदिन्हा और सांसद के. जयकुमार को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली और सांसद अब्दुल खलिक को पर्यवेक्षक बनाया गया है। पूर्वोत्तर के इन तीनों प्रदेशों में अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होने हैं।


मणिपुर 

केंद्र सरकरा ने मणिपुर के एक विद्रोही समूह के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो हिंसा छोड़कर शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने पर सहमत हुआ। त्रिपक्षीय समझौते पर केंद्र और मणिपुर सरकार और राज्य में सक्रिय विद्रोही समूह जेलियांग्रोंग यूनाइटेड फ्रंट (जेडयूएफ) द्वारा हस्ताक्षर किए गए। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘उग्रवाद मुक्त और समृद्ध पूर्वोत्तर’ के दृष्टिकोण को साकार करते हुए और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में, भारत सरकार और मणिपुर सरकार ने एक दशक से अधिक समय से सक्रिय जेडयूएफ के साथ नयी दिल्ली में समझौता किया। बयान के मुताबिक सशस्त्र समूह के प्रतिनिधियों ने हिंसा छोड़ने और देश के कानून द्वारा स्थापित शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने पर सहमति व्यक्त की। इस समझौते में सशस्त्र कैडरों के पुनर्वास का प्रावधान है। बुनियादी नियमों के क्रियान्वयन की देख-रेख के लिए एक संयुक्त निगरानी समूह का गठन किया जाएगा। यह समझौता मणिपुर में शांति प्रक्रिया को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देगा। इस समझौते पर केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं मणिपुर सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और जेडयूएफ के प्रतिनिधियों ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।


सिक्किम

सिक्किम सरकार ने मंगलवार को एक परामर्श जारी करते हुए लोगों से राज्य में फिर से कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिए एहतियाती उपायों पर अमल करने को कहा। सिक्किम के मुख्य सचिव वी बी पाठक ने गृह विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा कि हिमालयी राज्य के निवासियों को सार्वजनिक स्थानों पर जाते समय सामाजिक दूरी के नियम का पालन करने तथा चेहरे पर मास्क लगाने के लिए कहा गया है। लोगों को नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोने या सैनेटाइजर का इस्तेमाल करने, भीड़भाड़ वाली जगहों और सामाजिक सभाओं में जाने से बचने की भी सलाह दी गयी है। चीन समेत विभिन्न देशों में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सिक्किम के निवासियों को अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने से बचने के लिए कहा गया है। अगर बुखार, गले में खराश, खांसी जैसे लक्षण हैं तो लोगों को फौरन डॉक्टर से परामर्श करने और कोविड-19 की जांच कराने की सलाह दी गयी है। सिक्किम सरकार ने सभी को कोविड-19 रोधी टीके की खुराक लेने की सलाह दी है और उनसे समय-समय पर सरकार द्वारा जारी परामर्शों का पालन करने को कहा है। मुख्य सचिव ने कहा कि विभिन्न देशों में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और त्योहारी सीजन तथा नव वर्ष जश्न समारोहों को देखते हुए परामर्श जारी किया गया है। अभी सिक्किम में कोरोना वायरस का एक उपचाराधीन मरीज है।


उत्तरी सिक्किम 

उत्तरी सिक्किम के जेमा में शुक्रवार को सेना का एक ट्रक तीव्र मोड़ पर मुड़ते समय खाई में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और इस हादसे में तीन जूनियर कमीशंड अधिकारियों (जेसीओ) समेत 16 सैन्यकर्मियों की मौत हो गई। सेना ने यह जानकारी दी। सेना के अनुसार, चार घायल जवानों को हेलीकॉप्टर की मदद से निकाला गया है। इसने एक बयान में कहा, ‘‘उत्तरी सिक्किम के जेमा में 23 दिसंबर को सेना के एक ट्रक के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से भारतीय सेना के 16 बहादुर कर्मियों की जान चली गई।’’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेना के जवानों की मौत पर दुख जताया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने मोदी का हवाला देते हुए ट्वीट किया, सिक्किम में सड़क दुर्घटना में हमारे बहादुर सैन्यकर्मियों की मौत से दुखी हूं। शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। सेना के अनुसार, दुर्घटना का शिकार हुआ ट्रक सुबह के समय चत्तेन से थांगू की ओर जा रहे तीन वाहनों के काफिले में शामिल था। इसने कहा, ‘‘रास्ते में ज़ेमा में वाहन एक तीव्र मोड़ पर एक खड़ी ढलान से फिसल गया। तत्काल बचाव अभियान शुरू किया गया और चार घायल जवानों को हेलीकॉप्टर की मदद से बचाया गया है।’’ सेना ने कहा, दुर्भाग्य से, तीन जूनियर कमीशंड अधिकारियों और 13 सैनिकों ने दुर्घटना में लगी चोटों के कारण दम तोड़ दिया। भारतीय सेना दुख की इस घड़ी में शोकसंतप्त परिवारों के साथ खड़ी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वह सैनिकों की मृत्यु से ‘‘बहुत दुखी’’ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्र उनकी सेवा और प्रतिबद्धता के लिए अत्यंत कृतज्ञ है। शोकसंतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं। घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।’’ सेना ने एक ट्वीट में कहा कि थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और बल के सभी रैंक के अधिकारियों ने दुर्घटना में जान गंवाने वाले वीरों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की। इसने कहा, जनरल मनोज पांडे और भारतीय सेना के सभी रैंक के अधिकारी सिक्किम में एक दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले बहादुरों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।

प्रमुख खबरें

Sports Recap 2024: जीता टी20 वर्ल्ड कप का खिताब, लेकिन झेलनी पड़ी इन टीमों से हार

यहां आने में 4 घंटे लगते हैं, लेकिन किसी प्रधानमंत्री को यहां आने में 4 दशक लग गए, कुवैत में प्रवासी भारतीयों से बोले पीएम मोदी

चुनाव नियमों में सरकार ने किया बदलाव, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के सार्वजनिक निरीक्षण पर प्रतिबंध

BSNL ने OTTplay के साथ की साझेदारी, अब मुफ्त में मिलेंगे 300 से ज्यादा टीवी चैनल्स