By रेनू तिवारी | Oct 04, 2021
लखीमपुर खीरी हिंसा पर राजनीति भी साथ साथ गरमा गयी है। मामले के गंभीरता को देखते हुए लखीमपुर खीरी में प्रशासन ने धारा 144 लगा रखी हैं लेकिन लगता है विपक्षी नेता जबरदस्ती लखीमपुर खीरी जाकर लोगों की मौत पर सियासत करना चाहती हैं। देर रात तक पुलिस और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के बीच चले हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद बाद अब अखिलेश यादव सरकार पर दवाब बनाने के लिए धरने पर बैठ गये हैं। कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए अखिलेश यादव को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
अखिलेश यादव लखीमपुर खीरी जाना चाहते हैं लेकिन प्रशासन ने किसी को घटना स्थल पर जाने की इजाजत नहीं ही है। परमिशन नहीं मिलने के कारण अखिलेश यादव लखनऊ में अपने आवास के बाहर धरने में शामिल हुए। सपा नेता के लखीमपुर खीरी पहुंचने के लिए उनके घर से बाहर निकलने पर पुलिस बलों ने उन्हें रोक लिया। भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। विरोध के बीच लखनऊ में अखिलेश यादव के आवास के पास पुलिस की गाड़ी में कार्यकर्ताओं आग लगा दी। अखिलेश यादव के आवास के बाहार सुरक्षा बल और समाजवादी कार्यकर्ताओं के बीच भारी हंगामा होता दिखायी दे रहा हैं।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सोमवार को लखीमपुर खीरी जाने से पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद लखनऊ में अपने आवास के बाहर धरने पर बैठ गए। समाजवादी पार्टी प्रमुख के घर के बाहर भारी पुलिस तैनाती की गई थी ताकि उन्हें हिंसा के पीड़ितों के परिवारों से मिलने के लिए लखीमपुर खीरी की यात्रा करने से रोका जा सके।
धरना देने के दौरान अखिलेश ने संवाददाताओं से कहा, "किसानों पर अत्याचार ब्रिटिश शासन के दौरान जो कुछ भी हुआ, उससे अधिक अब हो रहा है। हिटलर से भी बदतर है। अखिलेश ने संवाददाताओं से कहा उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री (MoS) अजय मिश्रा के इस्तीफे की भी मांग की है।
इस बीच रविवार को हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या 8 पहुंच गई और उत्तर पुलिस ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और 15 अन्य के खिलाफ हत्या और हिंसा भड़काने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। रविवार को अखिलेश ने झड़पों को लेकर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के इस्तीफे की मांग की थी।