By अनन्या मिश्रा | Mar 18, 2024
आज के समय में लाइफस्टाइल में बदलाव के कारण उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वर्तमान समय में काम के बढ़ते दबाव के कारण लोगों को माइग्रेन की समस्या होने लगी है। वहीं बीते कुछ सालों में माइग्रेन की समस्या के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी देखी गई है। माइग्रेन को मध्यम से गंभीर सिरदर्द के रूप में जाना जाता है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों को समान रूप से प्रभावित कर सकता है।
हांलाकि पुरुषों और महिलाओं में माइग्रेन की वजह अलग-अलग हो सकती है। लेकिन अधिकतर इसके कारण एक समान होते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्या वाकई में पुरुषों में माइग्रेन के लक्षण महिलाओं से अलग हो सकते हैं।
माइग्रेन क्या है
बता दें कि माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। इसमें मध्यम से लेकर गंभीर सिरदर्द हो सकता है। माइग्रेन अक्सर सेंसरी गड़बड़ी और नर्वस सिस्टम कार्य को बाधित कर सकता है। हांलाकि माइग्रेन के सटिक लक्षणों को समझना थोड़ा मुश्किल है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक न्यूरोबायोलॉजिकल और पर्यावरणीय कारकों के चलते यह समस्या हो सकती है। हार्मोनल उतार-चढ़ाव, नींद की गड़बड़ी, तनाव, आहार संबंधी कारक और सेंसरी स्ट्यूमिलेशन जैसे ट्रिगर माइग्रेन का कारण बन सकते हैं।
तनाव और लाइफस्टाइल
लाइफस्टाइल और तनाव के कारण भी पुरुषों को माइग्रेन हो सकता है। फिर तनाव चाहे शारीरिक हो या मानसिक। शारीरिक परिवर्तन की वजह बनकर माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है। इसके अलावा अल्कोहल, कैफीन और कुछ अन्य खाद्य पदार्थ जैसे आहार भी माइग्रेन की शुरूआत का कारण बन सकता है।
हार्मोनल प्रभाव
पीरियड्स के दौरान महिलाओं में विशेष रूप से हार्मोनल उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। यह माइग्रेन पैथोफिजियोलॉजी में अहम भूमिका निभाते हैं। जो महिलाओं को मुख्य रूप से प्रभावित करने का काम कर सकते हैं। अक्सर महिलाएं पीरियड्स संबंधी माइग्रेन के लक्षण महसूस करती हैं। ऐसे में माना जाता है कि प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन के स्तर में उतार चढ़ाव से भी माइग्रेन हो सकता है। वहीं पुरुषों में भी बदलाव के कारण माइग्रेन हो सकता है।
आनुवंशिक कारण
बता दें कि आनुवंशिक कारक भी माइग्रेन की वजह बन सकते हैं। माइग्रेन की समस्या महिला व पुरुषों दोनों को समान रूप से हो सकती है। जिस तरह से महिलाओं में जीन्स प्रतिक्रिया करते हैं। ठीक उसी तरह से जीन्स पुरुषों के लिए माइग्रेन की वजह बन सकता है।
न्यूरोबायलॉजिकल वैरिटेंस
महिलाओं और पुरुषों के बीच न्यूरोबायोलॉजिकल फर्क भी माइग्रेन की वजह बन सकता है। मस्तिष्क में कार्यात्मक और संरचनात्मक अंतर, जिसमें दर्द और न्यूरोट्रांसमीटर सिस्टम में बदलाव शामिल है। यह लिंग के आधार पर माइग्रेन की संवेदनशीलता को प्रभावित कर सकता है। जैसे डोपामाइन मेटाबॉलिज्म और सेरोटोनिन रिसेप्टर एक्सप्रेशन में अंतर को माइग्रेन पैथोफिजियोलॉजी में शामिल किया गया है।
माइग्रेन का इलाज
माइग्रेन की इलाज के लिए ट्रिगर को पहचानना जरूरी है। डॉक्टर महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग ट्रिगर प्वाइंट के इलाज के लिए अलग-अलग रणनीति तैयार कर सकते हैं। पहले माइग्रेन के दर्द को कम करने वाली दवाएं दी जाती थीं। वहीं महिलाओं में पीरियड्स से जुड़े माइग्रेन में हार्मोनल थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। माइग्रेन के सामान्य कारणों को दूर करने के लिए एक्सपर्ट्स योग व एक्सरसाइज की सलाद दे सकते हैं।