By अभिनय आकाश | Mar 06, 2022
बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। जिसाक ऐलान खुद अखिलेश यादव ने किया। आजमगढ़ में रैली को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कयासों पर विराम लगाते हुए अखिलेश ने कहा कि बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। सपा गठबंधन सरकार की फतह होने से कोई नहीं रोक सकता है। वहीं सपा में एंट्री के साथ ही मयंक जोशी बीजेपी के प्रति हमलावर नजर आ रहे हैं। उन्होंने परिवारवाद के मुद्दे से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक को लेकर अपनी राय रखी।
बीजेपी के परिवारवाद का पैमाना अलग
मयंक जोशी ने बीजेपी के परिवारवाद को छलावा बताते हुए पार्टी की कार्यनीति पर तीखे प्रहार किए हैं। उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह के बेटे को टिकट दिया गया। वहीं फागू चौहान के बेटे को भी लेकिन रीता बहुगुणा जोशी के बेटे को नहीं। इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा कि बीजेपी के परिवारवाद का पैमाना इन नेताओं पर क्यों नहीं लागू होता।
यूपी का भविष्य अखिलेश के हाथों में सुरक्षित
मयंक जोशी ने कहा कि अखिलेश यादव विकास, महिला सुरक्षा, युवाओं की बात करते हैं। युवावस्था में मैंने सोचा कि ऐसे व्यक्ति के साथ खड़ा होना चाहिए जो उत्तरोत्तर बात करता हो। मुझे लगता है कि यूपी का भविष्य उनके हाथों में सुरक्षित है। जबकि दूसरे पक्ष की ओर से देखिए क्या बातें हो रही है। आज ये सोचने वाली बात है कि युवा होने के साथ-साथ हमें लगता है कि जो आदमी प्रोग्रेसिव बातें करे। इस प्रदेश को आगे ले जाने का प्रयास करे मुझे उसके साथ खड़ा होना चाहिए। जिस तरह की बयानबाजी हो रही है, गर्मी निकाल देंगे। टोपी के ऊपर बात हो रही है। मुझे नहीं लगता कि इस तरह की राजनीति होनी चाहिए। हम पढ़े लिखे लोग हैं। ये बातें लेकर हम आने वाली पीढ़ी के सामने कैसे जाएंगे। जोशी ने कहा कि मैं उनसे ये बातें न करूं कि मैं तुम्हारे भविष्य के लिए क्या करूंगा बल्कि ये बातें करूं की तुम्हारी गर्मी निकाल दी जाएगी। ये सब बातें मुझे चुभी। मयंक जोशी ने कहा कि मैंने देखा कि अखिलेश यादव ने एक भी जगह ऐसा बयान नहीं दिया है जहां विभाजन की बात हो। मुझे लगा कि ऐसे व्यक्ति के साथ जितने भी युवा हैं सभी को खड़ा होना चाहिए।
राजनीतिक जानकारों के अनुसार मयंक जोशी को लखनऊ के कैंट विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी से टिकट दिलाने के लिए रीता बहुगुणा प्रयासरत थीं लेकिन पार्टी ने यहां से कानून मंत्री ब्रजेश पाठक को उम्मीदवार घोषित कर दिया। उत्तर प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष रह चुकी रीता बहुगुणा जोशी 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुईं और लखनऊ के कैंट विधानसभा क्षेत्र में सपा उम्मीदवार अपर्णा यादव (सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू) को हराकर चुनाव में विजयी हुईं। इसके बाद योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की भाजपा सरकार में मंत्री बनाई गई थी। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में रीता को इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया और वह चुनाव जीत गईं। रीता 2012 में भी कैंट क्षेत्र से कांग्रेस की विधायक थीं, इसलिए वह अपने बेटे को यहां से चुनाव लड़ाने के लिए भाजपा में प्रयासरत थीं। उन्होंने यह भी प्रस्ताव दिया था कि बेटे को टिकट दिया जाए और पार्टी का निर्देश होगा तो वह सांसद का पद छोड़ देंगी, लेकिन भाजपा ने टिकट नहीं दिया।