By राजीव शर्मा | Jan 02, 2022
मेरठ,हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर मेरठ में उत्तर प्रदेश के पहले खेल विश्वविद्यालय का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को शिलान्यास किया। खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने मेरठ पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सम्बोधन में विपक्षी दलों पर तीखे शब्द बाण छोड़े।उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों में अपराधी और माफिया अपना खेल खेलते थे। अवैध कब्जों के टूर्नामेंट होते थे। बेटियों पर फब्ती कसने वाले खुलेआम घूमते थे, लेकिन योगी राज में माफिया के साथ जेल-जेल का खेल खेला जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खेल नगरी के सरधना में रविवार को मेजर ध्यान चंद खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया। करीब सात सौ करोड़ की लागत से 91.36 एकड़ में रकबे में तैयार होने वाले इस विश्वविद्यालय को योगी आदित्यनाथ सरकार ने करीब ढाई वर्ष में तैयार करने का लक्ष्य रखा है। पीएम मोदी ने इस अवसर पर खेल प्रदर्शनी का अवलोकन करने के साथ कुछ उपकरणों पर अपना हाथ भी आजमाया। उन्होंने खेल विश्वविद्यालय के बाद शिलान्यास में अपने 43 मिनट के संबोधन में हर क्षेत्र को शामिल किया।
सभा को सम्बोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मेरठ, देश की महान संतान, मेजर ध्यान चंद जी की भी कर्मस्थली रहा है। कुछ महीने पहले केंद्र सरकार ने देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार का नाम दद्दा के नाम पर किया था। आज मेरठ की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मेजर ध्यान चंद जी को समर्पित की जा रही है। मेरठ और आसपास के इस क्षेत्र ने स्वतंत्र भारत को भी नई दिशा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। राष्ट्ररक्षा के लिए सीमा पर बलिदान हों या फिर खेल के मैदान में राष्ट्र के लिए सम्मान, राष्ट्रभक्ति की अलख को इस क्षेत्र ने प्रज्जवलित रखा है। अब यहाँ खेल विश्विधालय बनने से, पीएम मोदी ने कहा, 'यहां से हर साल 1000 से अधिक बेटे-बेटियां खिलाड़ी बनकर निकलेंगे। क्रांतिवीरों की नगरी खेल नगरी बनेगी।
इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा की,पहले की सरकारों में यूपी में अपराधी अपना खेल खेलते थे। पहले यहां अवैध कब्जे के टूर्नामेंट होते थे। बेटियों पर फब्तियां कसने वाले खुलेआम घूमते थे। पहले की सरकार अपने खेल में लगी रहती थी। इसी का नतीजा था कि लोग पलायन को मजबूर हो गए थे। अब योगी की सरकार ऐसे अपराधियों के साथ जेल-जेल खेल रही है।'
मोदी ने कहा, 'हम 21वीं सदी में हैं। नए भारत में सबसे बड़ा दायित्व युवाओं पर है। युवा नए भारत का नेता और नेतृत्व करने वाला है। जिधर युवा चलेगा-उधर भारत चलेगा। जिधर भारत चलेगा, उधर ही दुनिया चलने वाली है। आज साइंस से साहित्य तक हर तरफ युवा ही छाए हैं। खिलाड़ियों के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए भाजपा सरकार ने चार शस्त्र दिए हैं। संसाधन, ट्रेनिंग की आधुनिक सुविधा, अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर, चयन में परदर्शिता। युवाओं में खेल को लेकर विश्वास पैदा हो, खेल को प्रोफेशनल बनाने का हौसला बढ़े। यही मेरा संकल्प और सपना है'।