By रितिका कमठान | Jan 19, 2023
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ देश के कई पहलवानों का प्रदर्शन जारी है। कुश्ती महासंघ पर खिलाड़ियों ने आरोपों की बौछार की है। जंतर मंतर पर खिलाड़ियों के प्रदर्शन के दूसरे दिन भी आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी रहा। एक तरफ जहां प्रदर्शकारी पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के इस्तीफे की मांग की है वहीं अध्यक्ष ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया है।
प्रदर्शनकारी पहलवानों ने की है ये मांग
- कुश्ती संघ को बर्खास्त करें और नए संघ का गठन ना किया जाए
- बृजभूषण शरण सिंह संघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दें और उन्हें जेल भेजा जाए
- संघ से जुड़ी कोच-रेफरी से महिला पहलवान प्रताड़ित हुई हैं उनपर कार्रवाई हो
- जब तक दोषियों पर एक्शन नहीं होगा तब तक पहलवानों का धरना जारी रहेगा
- मांगें पूरी होने तक कोई पहलवान किसी इवेंट में हिस्सा लेने को नहीं है तैयार
- खेल की जरुरत का ध्यान में रखा जाए और उनकी समस्याओं को दूर किया जाए
- फेडरेशन के लोग पहलवानों के साथ गलत व्यवहार करते हैं, ऐसा ना हो
पहलवानों ने खोला है भारतीय कुश्ती महासंघ के खिलाफ मोर्चा
जंतर मंतर पर जारी पहलवानों के प्रदर्शन में देश का नाम रौशन करने वाले कई दिग्गज पहलवानों का नाम शामिल है। इसमें बजरंग पुनिया, विनेश फोगट, आशु मलिक, साक्षी मलिक, सतवर्त काद्यान, अंतिम पंघाल, सुमित, सुरजीत मान, सितंदर मोखरिया, रवि दहिया, दीपक पुनिया, संगीता फोगट, सरिता मोर, सोनम मलिक, महावीर फोगाट, सत्य राणा, कुलदीप मलिक जैसे पहलवानों ने शिरकत कर अपनी मांगे बुलंद की है।
बैठक के बाद ये बोलीं विनेश फोगाट
महिला पहलवान विनेश फोगाट ने खेल मंत्रालय के साथ हुई बैठक के बाद कहा कि हमारी लड़ाई सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि सिर्फ एक इंसान से है। हम तब तक नहीं जाएंगे जबतक हमें न्याय नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि पहलवानों ने अपनी पहलवानी छोड़ दी है और अध्यक्ष जी अपना पद छोड़ने को भी तैयार नहीं है? पहलवानों का कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब तक धरना जारी रहेगा।
साक्षी मलिक ने भी कहा कि बैठक में उन्हें जो भी आश्वासन मिला है उससे वो खुश नहीं है। सरकार ने बैठक में सिर्फ आश्वासन दिया है। रेस्लिंग फेडरेशन को भंग करना जरुरी है। सभी राज्यों के फेडरेशन भंग होने चाहिए। हर राज्य में वो लोग हैं जो पहलवानी को बढ़ावा नहीं देना चाहते है। केरल और महाराष्ट्र में इन लोगों के कारण पहलवानी खत्म हो गई है।