By अंकित सिंह | May 17, 2023
राजस्थान कांग्रेस में खींचतान को लेकर पार्टी में अलग-अलग राय देखने को मिल रही हैं। लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी खुलकर सीएम अशोक गहलोत के पक्ष में दिख रहे हैं। हालांकि, माना जा रहा है कि राजस्थान के घटनाक्रम पर आलाकमान की पैनी नजर है। दावा किया जा रहा कि कर्नाटक ने निपटने के बाद पार्टी राजस्थान मसले को सुलझाने की कोशिश करेगी। वहीं, राजस्थान कांग्रेस के सह प्रभारी काजी निजामुद्दीन ने सचिन पायलट को मजबूत स्तंभ बताते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे घटनाक्रम से वाकिफ हैं और जल्द फैसला करेंगे। आपको बता दें कि कांग्रेस के असंतुष्ट नेता सचिन पायलट ने अपनी पांच दिन की जनसंघर्ष यात्रा के बाद सोमवार को एक जनसभा की थी।
इस जनसभा के जरिए पायलट ने अपनी पार्टी के सरकार को अल्टीमेटम दे दिया था। काजी निजामुद्दीन ने कहा कि जहां कहीं मजबूती हो वहीं तो दावेदारी होती है... अब यहां ऐसी कोई पार्टी जिसका अस्तित्व ना हो उसका कौन दावेदार होगा... जिस पार्टी में दम होता उसी में दावेदारियां होती हैं और दावेदारियां इतनी मजबूत होती हैं जिसका कोई ठिकाना नहीं। पायलट की विभिन्न मांगों पर उन्होंने कहा कि घरों में यह प्रक्रियाएं सदा चलती रही हैं... सदा चलती रहेंगी... प्रदेशों में चलती रही.. देशभर में चलती रही.. यह एक पॉलिटिक्ल फिनोमिना है इसको कहीं भी रोका नहीं जा सकता। पिन प्वाइंट’ कोई चीज होगी तो उस पर सरकार जरूर काम करेगी। लेकिन मैंने इस पर आपसे कहा यह विषय हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के संज्ञान में है।
दूसरी ओर चौधरी ने कहा कि जो कुछ भी चाहता है, उसे करने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने पहले भी बहुत कुछ किया है। मैं एक बात कह सकता हूं कि अगर काबिल मुख्यमंत्रियों की लिस्ट बनेगी तो अशोक गहलोत जरूर पहली पंक्ति में होंगे। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय सचिव और राज्य सह प्रभारी अमृता धवन ने कहा कि पायलट पर अंतिम फैसला राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और खड़गे लेंगे। मंगलवार को कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष व कार्यकर्ताओं की बैठक करने अलवर पहुंचीं धवन ने कहा कि पार्टी संगठन सर्वोच्च है। जब भी बाजी घोड़े पर लगानी हो तो जीतने वाले घोड़े पर ही लगानी चाहिए। इस समय, कांग्रेस जीत का घोड़ा है।