By अभिनय आकाश | Jun 29, 2021
बीआर चोपड़ा के निर्देशन में बनी महाभारत का वो दृश्य जिसमें योद्धा अपना सधा हुआ बड़े से बड़ा अस्त्र छोड़ता था और सामने वाला योद्धा उसकी काट में अपना अस्त्र। दोनों आसमान में जाकर एक दूसरे से टकराते। ज्यादा मारक वाले अस्त्र सामने वाले के अस्त्र को नष्ट कर देता। जब पाकिस्तान जैसा पड़ोसी देश हो तो तमाम तरह के अस्त्रों-शस्त्रों से लैस होने की तैयारी करना हालात की मजबूरी भी है और जरूरत में जरूरी भी। जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर बीते दिनों दो धमाके हुए। पहला धमाका रात 1:37 मिनट पर हुआ और दूसरा ठीक पांच मिनट बाद 1:42 मिनट पर। वायुसेना का कहना है कि दोनों ही धमाकों की इंटेनसिटी बहुत कम थी। पहला धमाका छत पर हुआ इसलिए छत को नुकसान पहुंचा, लेकिन दूसरा धमाका खुली जगह पर हुआ। धमाके में दो जवानों को भी मामूली चोटें आई हैं। अभी तक की जांच में जो बातें निकलकर सामने आई हैं, वो पाकिस्तान और उसके आतंकियों की साजिश की तरफ इशारा करती हैं। लेकिन बॉर्डर पर पाकिस्तान कैसी भी हरकत कर ले लेकिन भारत कि नजर पाकिस्तान की एक-एक हरकत पर है। अब भारत ने पाकिस्तान के ड्रोन अटैक को नाकाम करने के लिए एक एंटी ड्रोन सिस्टम की सहायता लेने का प्लान बनाया है।
ड्रोन को पकड़ पाना मुश्किल
यह बेहद सस्ते हैं और कोई भी इन्हें ऑनलाइन खरीद सकता है। कोई शख्स किस मकसद के लिए ड्रोन खरीद रहा है, यह पता लगाना इस समय नामुमकिन है। ड्रोन्स बैटरी पर चलते हैं इसलिए ज्यादा शोर नहीं करते। यह मैनुअली ऑपरेट किए जा सकते हैं या फिर नीचे उड़ने के लिए प्रोग्राम किए जा सकते हैं। सामान्य सिविल और मिलिट्री रडार्स की पकड़ में यह नहीं आते क्योंकि उनका रडार क्रॉस-सेक्शन काफी छोटा होता है। आकार में कम होने की वजह से यूं निगरानी भी मुश्किल है।
इजरायल से आ रहे एंटी ड्रोन सिस्टम
इंजरायल से भारत एंटी ड्रोन सिस्टम आ रहे हैं। इजरायल के एंटी ड्रोन सिस्टम स्मैश-2000 प्लस को भारत लाया जा रहा है। ये एंटी ड्रोन सिस्टम ड्रोन हमलों को हवा में नाकाम करने का माद्दा रखता है। गौरतलब है कि लद्दाख पहुंचकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया था कि हम शांति के पुजारी जरूर हैं लेकिन शस्त्र भी धारण करते हैं। तमाम तरह के अस्त्रों-शस्त्रों से लैस होने की तैयारी भारत की तरफ से की जा रही है। इजरायल को एंटी ड्रोन सिस्टम का ऑर्डर दे दिया गया। इजरायल के ड्रोन में कंप्यूटराइज्ड फायर कंट्रोल सिस्टम है। इसके साथ ही ये ड्रोन इलेक्ट्रो ऑप्टिक साइट सिस्टम से लैस है। ड्रोन को राइफल के ऊपर फिट किया जा सकता है। स्मैश-2000 प्लस छोटे ड्रोन को हवा से हवा में मार गिरा सकता है।