By अभिनय आकाश | Jul 13, 2023
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की पुरजोर वकालत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र की प्राथमिक संस्था दुनिया के लिए बोलने का दावा नहीं कर सकती जब उसका सबसे अधिक आबादी वाला देश और सबसे बड़ा लोकतंत्र इसका स्थायी सदस्य नहीं है। उन्होंने गुरुवार को फ्रांस की अपनी दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा से पहले फ्रांसीसी अखबार 'लेस इकोस' के साथ एक साक्षात्कार के दौरान यह टिप्पणी की।
यह पूछे जाने पर कि क्या संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता दांव पर है, भारत को अभी भी यूएनएससी की स्थायी सदस्यता नहीं मिल पाई है, प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र कई वैश्विक संस्थानों में से एक है, जिसकी स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के मद्देनजर की गई थी, और इसे होना ही चाहिए देखा कि क्या वे आज की दुनिया के प्रतिनिधि हैं, जिसने पिछले आठ दशकों में बहुत कुछ बदल दिया है।
इसके अलावा, लेस इकोस से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मुद्दा सिर्फ विश्वसनीयता का नहीं है, बल्कि इससे भी बड़ा है। मेरा मानना है कि दुनिया को दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी बहुपक्षीय शासन संरचनाओं के बारे में ईमानदार चर्चा करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि संस्थानों के निर्माण के लगभग आठ दशक बाद, दुनिया बदल गई है, सदस्य देशों की संख्या चार गुना बढ़ गई है और वैश्विक अर्थव्यवस्था का चरित्र भी बदल गया है। हम नई तकनीक के युग में रहते हैं। नई शक्तियों का उदय हुआ है जिससे वैश्विक संतुलन में सापेक्ष बदलाव आया है।