By रितिका कमठान | Dec 11, 2024
दिल्ली की सड़कों पर भारी वाहन दिखना आम बात है। कहीं ट्रक तो कहीं लोडिंग टैम्पो चलते दिखाई देते है। इन बड़े वाहनों के कारण अन्य लोगों को सड़क पर चलने में काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है। ऐसे बड़े वाहनों के कारण कई बार दुर्घटनाएं भी होती है।
इसी कड़ी में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने आंकड़े साझा किए है। इन आंकड़ों के अनुसार इस साल नवंबर तक ट्रक, ट्रेलर और कंटेनर जैसे भारी परिवहन वाहन (एचटीवी) हर दूसरे दिन लगभग एक बड़ी सड़क दुर्घटना का हिस्सा रहे है। आंकड़ों के मुताबिक 157 घातक सड़क दुर्घटनाओं में 163 लोग मारे गए है।
आंकड़ों के अनुसार बीते वर्ष यानी 2023 में हर दिन औसतन 16 सड़क दुर्घटनाएं दी गई है। इन हादसों में चार लोगों की मौत हुई थी। बता दें कि 13.27% दुर्घटनाएं एचटीवी के कारण हुई है। ये वो दुर्घटनाएं थी जो 2023 में अज्ञात वाहनों में 46 फीसदी के बाद दूसरे स्थान पर है।
पुलिस ने बताया कि 2022 में, 5,652 सड़क दुर्घटनाओं में से 430 दुर्घटनाएँ HTV के कारण हुईं, जो 8% मौतों के लिए ज़िम्मेदार थीं, साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि यह प्रवृत्ति ऊपर की ओर बढ़ रही है। उसके बाद, टैक्सी और जीपों के कारण सबसे ज़्यादा दुर्घटनाएँ हुईं, जो 27% थीं, उसके बाद दोपहिया वाहन थे, जिनकी संख्या 14% थी।
पुलिस ने कहा कि उच्च गति वाले वाहनों के कारण होने वाली घातक दुर्घटनाएं आमतौर पर रात 10 बजे से सुबह 2 बजे के बीच होती हैं, जैसा कि पिछले वर्ष हुई 61 घातक घटनाओं से पता चलता है, तथा यह भी तथ्य है कि उच्च गति वाले वाहनों को दिल्ली में केवल रात 11 बजे से सुबह 7 बजे के बीच ही प्रवेश की अनुमति है।
सोमवार को सुबह करीब 4.30 बजे, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के महिपालपुर में एक बस से उतरे तीन लोगों को राष्ट्रीय राजमार्ग 48 पर कथित तौर पर तेज़ रफ़्तार ट्रक ने कुचल दिया, जबकि वे बस के स्टोरेज कम्पार्टमेंट से अपना सामान निकाल रहे थे। हालाँकि दुर्घटना के पीछे का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन पुलिस को यकीन है कि ट्रक तेज़ रफ़्तार से चल रहा था और अनुमान लगाया जा रहा है कि ड्राइवर ने खड़ी बस को नोटिस नहीं किया होगा।