चंडीगढ़। प्री-बजट चर्चा के बाद मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि मौजूदा सरकार में हम बजट बनाते हुए सभी पक्षकारों के साथ मीटिंग कर रहे हैं। इसी के तहत सभी मंत्रीगण और विभागों के सचिवों के साथ बैठक की। सभी विधायकों और सांसदों को भी पत्र लिखकर सुझाव मांगे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अभी बजट के कई और पक्षकारों के साथ ऑनलाइन बैठक करेंगे। कैबिनेट बैठक में बजट सत्र पर चर्चा करेंगे और बजट सत्र में बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में बजट किस दिन पेश हो यह फैसला लेंगे।
मनोहर लाल ने कहा कि पिछली बार विपक्ष के विधायकों के भी सुझाव बजट में सम्मिलित किए थे। हमने विपक्ष के विधायकों के नाम लेकर बताया कि शामिल किया गया सुझाव किसका था। व्यक्तिगत तौर पर मिलने पर विपक्षी भी हमारे बजट को अच्छा बताते हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारा प्रयास ऐसा लोकतांत्रिक बजट बनाना है जिससे प्रदेश में सबकी भागीदारी से सर्वांगीण विकास हो। इसी के चलते सभी मंत्रियों व सभी विभागों के प्रशासनिक सचिवों से बजट पूर्व परामर्श किया गया है।
मुख्यमंत्री चंडीगढ़ न्यायिक अकादमी में बजट पूर्व परामर्श बैठक में बोल रहे थे। इस दौरान उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला के साथ-साथ अन्य मंत्रियों व मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डीएस ढेसी, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी वी एसएन प्रसाद समेत अन्य प्रशासनिक सचिवों ने बजट पर अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि उन्होंने 3 वर्ष पहले एक नया प्रयोग किया था जिसके तहत सभी मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों तथा अन्य हित धारकों से बातचीत करके आम बजट तैयार करने की परंपरा शुरू की थी। पिछले 2 वर्ष में कोरोना महामारी की वजह से प्रत्यक्ष रूप से बैठक करके बजट पर सुझाव तो नहीं लिए जा सके लेकिन लिखित रूप से जरूर बजट के संदर्भ में सुझाव लिए गए। इसके साथ साथ महत्वपूर्ण सुझावों को हरियाणा के आम बजट में शामिल भी किया गया। सरकार के इन प्रयासों की प्रदेश भर में सराहना हुई। आज की बैठक इसी कड़ी में बजट पूर्व परामर्श के तौर पर आयोजित की गई, जिसमें सामने आए सुझावों को बजट 2022-23 में शामिल करने की कोशिश की जाएगी।
बैठक में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने बारी-बारी से प्रदेश के सभी विभागों के मंत्रियों व प्रशासनिक सचिवों से उनके विभाग से संबंधित सुझाव लिए। अधिकारियों ने नई योजनाओं को शुरू करने के संबंध में भी सुझाव दिए, मुख्यमंत्री ने इन्हें सकारात्मक तौर पर सुनते हुए इन सुझावों को हरियाणा के आम बजट में शामिल करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पैसे की कमी की वजह से किसी भी योजना को रुकने नहीं दिया जाएगा । प्रदेश का चहुंमुखी विकास करना उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि नई योजनाओं को आम आदमी के लिए बाधारहित व बेहतर तकनीक पर आधारित बनाया जाना चाहिए, ताकि ईज ऑफ लिविंग का कंसेप्ट चरितार्थ हो सके। मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों को किसानों, कृषि, पशुपालन, मछली पालन, सिंचाई, स्वास्थ्य, परिवहन समेत अन्य विभागों पर विशेष ध्यान देते हुए कल्याणकारी योजनाएं बनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने पंचायत व शहरी स्थानीय निकाय विभाग को अलग से अपने हित धारकों की बैठक बुलाकर बजट पूर्व परामर्श करने और बेहतर से बेहतर सुझाव देने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने इस बैठक में पिछले वर्ष पेश किए गए आम बजट की विभागों के अनुसार समीक्षा भी की। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज, परिवहन मंत्री श्री मूलचंद शर्मा, बिजली मंत्री श्री रणजीत सिंह, कृषि मंत्री श्री जयप्रकाश दलाल, सहकारिता मंत्री डॉक्टर बनवारीलाल, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉक्टर कमल गुप्ता, विकास एवं पंचायत मंत्री श्री देवेंद्र सिंह बबली, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा, श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री अनूप धानक के अलावा सभी विभागों के प्रशासनिक सचिव व वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।