By अंकित सिंह | Nov 23, 2024
राजनीति में पांच महीने का समय बहुत लंबा होता है और यह बात देवेन्द्र फडणवीस आपको बता सकते हैं। महाराष्ट्र भाजपा नेता ने महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी को मिले झटके की जिम्मेदारी लेते हुए जून में इस्तीफे की पेशकश की। नवंबर में, वह विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति की जीत के सितारों में से एक बनकर उभरे। दूसरे हैं मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे। ऐसे में अब ध्यान मुख्य प्रश्न पर केंद्रित है अगला मुख्यमंत्री कौन होगा-देवेंद्र फडणवीस या एकनाथ शिंदे?
वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने सार्वजनिक रूप से शीर्ष पद के लिए संभावित उम्मीदवार के रूप में उपमुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का समर्थन किया है। पत्रकारों से बात करते हुए बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि सीएम कौन होगा इसका फैसला हमारा केंद्रीय संसदीय बोर्ड करेगा। हालाँकि, अगर हमसे पूछा जाएगा, तो हम एकमत से कहेंगे कि मुख्यमंत्री के रूप में देवेन्द्र फडणवीस ही होने चाहिए। पाटिल ने यह भी दोहराया कि अंतिम निर्णय भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर निर्भर है।
इस बीच, भाजपा विधायक प्रवीण दरेकर ने तर्क दिया कि मुख्यमंत्री का पद गठबंधन के भीतर सबसे अधिक सीटें हासिल करने वाली पार्टी को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, "मौजूदा रुझानों के आधार पर मेरा मानना है कि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी होगी और देवेंद्र फड़णवीस को मुख्यमंत्री बनना चाहिए।" वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके डिप्टी देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार सभी अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में आगे चल रहे हैं, जिससे मुख्यमंत्री पद के लिए प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है।
भाजपा के अंदरूनी सूत्र इस बात पर जोर देते हैं कि गठबंधन की जीत फडणवीस के नेतृत्व और अभियान रणनीतियों से प्रेरित थी, जो इस भूमिका के लिए उनके दावे को मजबूत कर सकती है। हालाँकि, गठबंधन के हिस्से के रूप में, शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे भी पिछले वर्ष के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल की ओर इशारा करते हुए अपना दावा पेश कर सकते हैं। मुख्यमंत्री के सवाल को लेकर एकनाथ शिंदे ने कहा कि जिस तरीके से हमारे गठबंधन के दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा, उसी तरह हम लोग मिल बैठकर मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को भी तय करेंगे।
मुख्यमंत्री को लेकर हमारे गठबंधन के भीतर कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने केंद्र की सरकार के साथ मिलकर काम किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष तौर पर महाराष्ट्र का हमेशा समर्थन करते रहे हैं। उनकी सरकार ने भी महाराष्ट्र को लेकर विशेष काम किया है। बताया जा रहा है कि भाजपा पूरी तरीके से महाराष्ट्र के चुनावी रुझानों के बाद एक्टिव हो गई है। खुद अमित शाह ने अपने हाथों में कमान संभाल ली है। बताया जा रहा है कि अमित शाह ने देवेंद्र फडणवीस के अलावा एकनाथ शिंदे और अजित पवार से भी 25-25 मिनट तक बात की है।