किसानों के समर्थन में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, कई हिरासत में लिए गए
By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 14, 2020
लखनऊ। केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के एक दिन के उपवास के समर्थन में
समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के अनेक जिलों में प्रदर्शन किया। कई स्थानों पर उन्हें हिरासत में भी लिया गया। राजधानी
लखनऊ के कैसरबाग इलाके में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई। सपा कार्यकर्ता जिलाधिकारी कार्यालय जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। महिला कार्यकर्ताओं समेत पार्टी के कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। सपा के विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप ने कहा, समाजवादी पार्टी किसानों की मांगों का समर्थन करती है और उसकी सहानुभूति किसानों के साथ है।
समाजवादी पार्टी की किसान यात्रा सात दिसंबर को आरंभ हुई थी और आज 14 दिसंबर को पार्टी के कार्यकर्ता प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना दे रहे हैं। पार्टी के बहुत से नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है। मुझे हरदोई के संडीला में गिरफ्तार किया गया है।’’ आगरा में पुलिस ने समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हल्का बल प्रयोग किया। गोरखपुर में पुलिस ने सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को उस समय हिरासत में ले लिया जब सोमवार को वे नगर निगम परिसर में धरना प्रदर्शन करने जा रहे थे। पुलिस ने सुबह से ही पार्टी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेना शुरू कर दिया। पार्टी अध्यक्ष राम नगीना साहिनी और पूर्व अध्यक्ष जियाउल इस्लाम को गिरफ्तार कर लिया गया है। शहर के विभिन्न इलाकों से पार्टी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। साहिनी ने कहा, पुलिस और सरकार शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन का संवैधानिक अधिकार छीन रही है।
फर्जी मामले दर्ज किए जा रहे हैं और हमें धरना प्रदर्शन नहीं करने दिया जा रहा है। गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जोगेंद्र कुमार ने कहा, ‘‘जिले में धारा 144 पहले से लागू है। महामारी के कारण दो गज की दूरी का पालन किए बगैर एक स्थान पर लोगों का एकत्र होना सुरक्षित नहीं है। प्रदर्शन से पहले लोगों को मजिस्ट्रेट से इजाजत लेनी होनी, फिर कोई आपत्ति नहीं है।’’ बाराबंकी में सपा नेता और पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप ने कहा कि सपा के सभी नेताओं के घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। उन्होंने कहा, हम घर से बाहर निकलना चाहते है लेकिन हमें इसकी इजाजत नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि किसानों का यह विरोध तानाशाही सरकार को उखाड़ फेकेंगा और 2022 के विधानसभा चुनाव में उप्र में सपा की सरकार बनेगी।