By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 30, 2022
पटियाला। पंजाब के पटियाला में ‘‘खालिस्तान विरोधी एक मार्च’’ को लेकर दो समूहों में झड़प में चार व्यक्तियों के घायल होने के बाद स्थानीय प्राधिकारियों ने शुक्रवार शाम को कर्फ्यू लगाने की घोषणा की। पटियाला में एक ‘‘खालिस्तान विरोधी मार्च’’ को लेकर दो समूहों के बीच हुए पथराव में चार व्यक्ति घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को हवा में गोलियां चलानी पड़ीं। पटियाला जिले के अधिकारियों ने बताया कि कर्फ्यू शुक्रवार शाम सात बजे से शनिवार सुबह छह बजे तक लागू रहेगा। आवश्यक सेवाओं को इससे बाहर रखा गया है।
इस घटना के कुछ घंटे बाद पुलिस ने शिवसेना (बाल ठाकरे) नामक एक समूह के कार्यकारी अध्यक्ष हरीश सिंगला को बिना अनुमति के जुलूस निकालने और हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया। यह झड़प काली माता मंदिर के बाहर उस समय हुई जब सिंगला के समूह ने पास के आर्य समाज चौक से खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च शुरू किया था। अधिकारियों ने बताया कि निहंगों सहित कुछ सिख कार्यकर्ता, जो शुरू में दुख निवारण साहिब गुरुद्वारे पर एकत्र हुए थे, मंदिर की ओर बढ़े,और उनमें से कुछ ने तलवारें लहराईं। उन्होंने बताया कि उनके जुलूस को भी अधिकारियों से अनुमति नहीं मिली थी। पुलिस ने बताया कि मंदिर के पास दोनों गुट आमने-सामने आ गए और एक दूसरे पर पथराव किया। अधिकारियों ने बताया कि मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए गए और हिंसा को शहर में फैलने से रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात कर दिये गये। हरीश सिंगला ने कहा कि संगठन ने मार्च का आयोजन ‘सिख फॉर जस्टिस’की 29 अप्रैल को ‘खालिस्तान के स्थापना दिवस’ के तौर पर मनाने की घोषणा के जवाब में किया था।
सिंगला ने कहा कि प्रतिबंधित गुट ‘सिख फॉर जस्टिस’प्रमुख गुरपतवंत पन्नून ने 29 अप्रैल को खालिस्तान के स्थापना दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। पुलिस ने बताया कि हिंसा में घायल हुए चार लोगों में से दो पुलिसकर्मी हैं। उन्होंने बताया कि उनकी हालत स्थिर है। पुलिस ने कहा कि उसने हिंसा को लेकर एक मामला दर्ज किया है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने पटियाला में हुई ‘सांप्रदायिक झड़प’ की घटना का संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को राज्य सरकार से एक सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट तलब की। विपक्षी दलों ने हिंसा को लेकर पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार की आलोचना की। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘पटियाला से जो दृश्य सामने आए हैं, वो परेशान करने वाले हैं। मैं फिर दोहराता हूं कि पंजाब जैसे संवेदनशील सीमावर्ती राज्य के लिए शांति और सौहार्द सबसे ज्यादा जरूरी है। यह प्रयोग करने की जगह नहीं है।’’ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने झड़प के बाद अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री ने बाद में कहा कि उन्होंने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और सख्त निर्देश दिए हैं कि एक भी दोषी को बख्शा नहीं जाए। मान ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘पटियाला में झड़प की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने डीजीपी से बात की है। क्षेत्र में शांति बहाल कर दी गई है।
हम स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं और किसी को भी राज्य में अशांति का माहौल पैदा नहीं करने देंगे।’’उन्होंने कहा कि पंजाब में शांति और सद्भाव बहुत महत्वपूर्ण है। पटियाला के पुलिस महानिरीक्षक राकेश अग्रवाल ने पटियाला में संवाददाताओं से कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने बाहर से पुलिस बल बुलाया है। उपायुक्त द्वारा शनिवार को शांति समिति की बैठक बुलाई गई है।’’ उन्होंने कहा कि क्षेत्र में शांति बहाल करना उनकी प्राथमिकता है। इस प्रकरण पर पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि यह घटना इसलिए हुई क्योंकि ‘‘चंद शरारती तत्वों ने कुछ अफवाहें फैलाई थीं। हमने स्थिति को नियंत्रित किया है। हम पटियाला शहर में फ्लैग मार्च कर रहे हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘कुछ अफवाहों के कारण तनाव बढ़ गया था, लेकिन स्थिति अब नियंत्रण में है।’’ पटियाला की उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट साक्षी साहनी ने कहा, ‘‘हम सभी से शांति बनाए रखने और किसी भी अफवाह पर विश्वास नहीं करने की अपील करते हैं।’’ साहनी ने एक बयान में कहा, ‘‘शांति और सद्भाव हमारे सभी धर्मों और उनकी मूल भावना के केंद्र में हैं। भले ही कोई विवाद या गलतफहमी हो, इसे बातचीत से सुलझाना महत्वपूर्ण है।’’ पंजाब के कई मंत्रियों और विधायकों ने हिंसा पर चिंता व्यक्त की।
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा, ‘‘मैं आज पटियाला में हुई झड़पों की कड़ी निंदा करता हूं। समाज के सभी वर्गों से शांति और मानवता के मार्ग पर चलने की अपील करता हूं।’’ विपक्षी दलों ने ‘‘बिगड़ती’’ कानून व्यवस्था को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर निशाना साधा। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने ट्वीट किया, ‘‘राज्य में पूरी अराजकता है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘पिछले एक महीने में राज्य में एक के बाद एक घटनाएं होने से कानून-व्यवस्था चरमरा गई है।