Karnataka Assembly Election 2023: कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ खोला भ्रष्टाचार का मुद्दा, राज्य में बढ़ीं BJP की मुश्किलें

By अनन्या मिश्रा | Apr 17, 2023

कर्नाटक चुनाव का बिगुल बजते ही वहां प्रेशर पॉलिटिक्स तेज हो गई है। कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों पर 10 मई को मतदान होगा। वहीं 13 मई को नतीजे घोषित किए जाएंगे। बता दें कि सत्तारूढ़ भाजपा से लेकर जेडीएस और कांग्रेस ने कमर कसनी शुरू कर दी है। वहीं भाजपा जहां एक ओर कांग्रेस के खिलाफ ओबीसी विरोधी होने का नैरेटिव सेट करने का प्रयास कर रही है तो वहीं दूसरी ओर हर बार की तरह इस बार भी कांग्रेस भाजपा को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेर रही है।


राज्य में कांग्रेस ने करप्शन को बड़ा मुद्दा बनाया हुआ है। इस मुद्दे पर कांग्रेस लगातार बोम्मई सरकार पर हमलावर है। देश के तीन राज्यों में सिमटी कांग्रेस खुद को मजबूत करने के लिए हर मौका भुनाना चाहती है। पार्टी को उम्मीद है कि भाजपा के खिलाफ भष्टाचार का मुद्दा काम करेगा। इसलिए पार्टी ने सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा को घेरने के लिए पूरे प्रदेश में PayCM और  PayMLA का अभियान भी चलाया है। 

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40 फीसदी कमीशन वाली सरकार

 पिछले साल एक होटल में बेलगावी के ठेकेदार संतोष पाटिल ने फांसी लगा ली थी। संतोष ने सुसाइड नोट में शिवमोगा के बीजेपी विधायक और ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री के एस ईश्वरप्पा पर गंभीर आरोप लगाए थे। मृतक ने लिखा था कि वह दोनों सरकारी ठेके में 40% कमीशन की मांग कर रहे थे। स्टेट कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने इस मामले की शिकायत पीएम मोदी तक से की थी। वहीं सरकार के घिरने पर ईश्वरप्पा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। 


जिसके बाद साल 2021 में एसोसिएशन ने इन्हीं आरोपों के साथ पीएम मोदी को पत्र लिखा था। जिसमें दावा किया गया था कि भाजपा के मंत्री और विधायक रिश्वत दिए जाने का दबाव बनाते हैं। वहीं राहुल गांधी ने हाल ही में राज्य सरकार को घेरते हुए कहा था कि कर्नाटक की बीजेपी सरकार देश की सबसे भ्रष्ट सरकार में से एक है। इस सरकार में काम करवाने के लिए 40% कमीशन देना पड़ता है।


स्कूलों के नाम पर रिश्वतखोरी

कर्नाटक की स्कूल एसोसिएशन ने भी बोम्मई सरकार में भ्रष्टाचार की शिकायत पीएम मोदी से की थी। बता दें कि इस एसोसिएशन से 13 हजार स्कूल जुड़े हैं। उनका आरोप था कि शैक्षिक संस्थानों को मान्यता दिए जाने के लिए विभाग की ओर से रिश्वत की मांग की जा रही है। इसके अलावा आरोप लगाया गया था कि केवल गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों पर भेदभावपूर्ण और गैर-अनुपालन मानदंड लागू किए जा रहे हैं। जिसके चलते बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। पीएम मोदी को लिए गए पत्र में 2 मंत्रियों पर भी शिक्षा का व्यवसायीकरण करने का भी आरोप लगाया गया था।


केएसडीएल घोटाला

केएसडीएल घोटाला सरकार के स्वामित्व वाली केएसडीएल कंपनी की केमिकल आपूर्ति से जुड़ा है। इस दौरान आरोप लगाया गया कि 81 लाख रुपए रिश्वत की मांग की गई है। वहीं भ्रष्टाचार रोधी लोकायुक्त ने बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत को 40 लाख की घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा था। इसके अलावा बीजेपी विधायक के ठिकानों से लोकायुक्त टीम को तलाशी में कुल 8 करोड़ कैश भी मिला था। जिसके बाद विधायक को कंपनी के चेयरमैन पद से इस्तीफा देना पड़ा।

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