Karnataka Elections: BJP के दक्षिण दुर्ग को ध्वस्त करने में कामयाब रहे कांग्रेस के 'चार चाणक्य', जानिए इनकी भूमिका

By अनन्या मिश्रा | May 13, 2023

कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी अपनी जीत की ओर बढ़ रही है। कांग्रेस बहुमत के जादुई आंकड़ों को छू रही है। पार्टी बीजेपी के दक्षिण दुर्ग को ढहाने में कामयाब हो गई है। कांग्रेस व बीजेपी ने इस चुनाव में जहां अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। वहीं दोनों की दलों के दिग्गज नेताओं ने जनता को लुभाने के लिए कई वादे-दावे भी किए। बता दें कि चुनाव में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के अलावा ऐसे भी कई चेहरे हैं। जिन्होंने परदे के पीछे रहकर पार्टी को जीत दिलाई है। आज हम आपको कर्नाटक में चुनावी पारी को कांग्रेस की ओर पलटने वाले 4 चाणक्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।


एमबी पाटिल

कर्नाटक कांग्रेस के लिंगायत चेहरों में एमबी पाटिल का चेहरा मुख्य है। कांग्रेस की धारदार चुनावी रणनीति के पीछे एमबी पाटिल की काफी अहम मानी जाती है। बता दें कि वह पार्टी के कैंपेन कमिटी के चेयरमैन हैं। कर्नाटक चुनाव के दौरान पार्टी ने स्थानीय मुद्दों के साथ ही डोर-टू-डोर कैंपेन ज्यादा फोकस किया। माना जा रहा है कि इस रणनीति के पीछे पाटिल का दिमाग है। वहीं सोनियां गांधी द्वारा चार साल बाद चुनावी रैली भी पाटिल की रणनीति का हिस्सा है। इसके अलावा एमबी पाटिल को मिशन शेट्टार की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। जगदीश शेट्टार को कांग्रेस ज्वॉइन कराने में पाटिल का योगदान माना जा रहा है। सिद्धारमैया के करीबी पाटिल के पिता बीएम पाटिल भी जाने माने बड़े राजनेता थे।

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शशिकांत सेंथिल

कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन करने से पहले शशिकांत सेंथिल IAS अफसर थे। साल 2009 में हुए कर्नाटक चुनाव में भी सेंथिल ने कांग्रेस वॉररूम के प्रभारी भूमिका निभाई थी। वहीं साल 2019 में सेंथिल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और 2022 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए। इसी साल शशिकांत को वॉररूम की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी। जिसके बाद उन्होंने चुनाव में एक-एक सीट का आंकलन कर बड़े नेताओं को इसकी रिपोर्ट भेजी। वॉररूम में सेंथिल के नेतृत्व में एक पूरी टीम बीजेपी नेताओं के बयानों पर पलटवार का जिम्मा संभाल रही थी। कांग्रेस का दामन थामने पर शशिकांत ने कहा था कि भाजपा राज्य में हिंदुत्व के नाम पर विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा दे रही है। इसीलिए उन्होंने IAS पद से इस्तीफा दे दिया।


​सुनील कानुगोलू

सुनील कानुगोलू को डेटा एनालिसिस के एक्सपर्ट होने के साथ ही कांग्रेस के बड़े रणनीतिकारों में से एक हैं। पार्टी की तरफ से कोई कैंपन, सर्वे या उम्मीदवारों का सेलेक्शन करना हो। इन सबमें कानुगोलू ने अहम भूमिका निभाई है। कानुगोलू कर्नाटक के बेल्लारी निवासी हैं। उन्होंने अमेरिका से MBA की पढ़ाई की है। साल 2009 में वह वापस लौटे थे। इसके बाद वह प्रशांत किशोर की टीम में जुड़ कर काम करने लगे। साल 2014 में वह लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के अभियान से जुड़ी टीम का हिस्सा थे। 


साल 2017 में कानुगोलू ने यूपी में भाजपा की रणनीति बनाने का काम किया था। साल 2022 में वह अकाली दल के लिए भी काम कर चुके हैं। वहीं जब कर्नाटक के लिए प्रशांत किशोर से कानुगोलू की बात नहीं बन पाई तो उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। कांग्रेस द्वारा राज्य में पे-सीएम, रेट कार्ड और 40 फीसदी वाली सरकार जैसी कई मुहिम के पीछे उन्हीं दिमाग बताया जा रहा है। इसके अलावा कांग्रेस के मैनिफेस्टो में भी कानुगोलू का सहयोग लिया गया। कानुगोलू की प्रतिभा को पहचानते हुए कांग्रेस ने मध्य प्रदेश का भी प्रभार सौंपा गया है।


​जी परमेश्वर

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कर्नाटक में कांग्रेस के मैनिफेस्टो पर बीजेपी ने काफी आपत्ति जताई थी। वहीं बीजेपी ने बजरंग दल को बैन किए जाने वाले वादे पर कांग्रेस को जमकर घेरा था। बता दें कि इस मैनिफेस्टो को  बनाने वालों में जी परमेश्वर की भूमिका अहम मानी जाती है। कांग्रेस के मैनिफेस्टो में 5 गारंटियां चुनाव में चर्चा का विषय बनीं। 62 पन्नों के इस घोषणा पत्र की बाकी बातें आज चुनावी रुझान को कांग्रेस की ओर करने में सफल होती दिख रही हैं। 


कांग्रेस के मैनिफेस्टो में गृह लक्ष्मी स्कीम में परिवार की महिला मुखिया को हर महीने 2,000 रुपए, गृह ज्योति योजना के तहत हर महीने 200 यूनिट मुफ्त बिजली और अन्न भाग्य योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवार के हर सदस्य को हर महीने 10 किलो चावल प्रति माह की गारंटी दी गई। इसके अलावा कांग्रेस ने कई वादे किए थे। जी परमेश्वर के नेतृत्व में कर्नाटक के अलग-अलग क्षेत्रों के लिए उनकी टीम ने घोषणा पत्र बनाया। बता दें कि बीजेपी द्वारा कई मुद्दों पर घिरने के बाद भी कांग्रेस पार्टी के यह चार चाणक्य राज्य में पार्टी को जीत दिलाने में सफल हो रहे हैं।


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