By अभिनय आकाश | Dec 14, 2022
ज्यादा दिन नहीं बीते होंगे यही कोई एक बरस का वक्त जब अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान का शासन कायम हुआ था। उस वक्त चीन तालिबानी शासन के आने से काफी खुश नजर आया था। लेकिन साल बीतते बीतते अफगानिस्तान में चीन की ऐसी हालात होती नजर आ रही है कि उसे अपने नागरिकों से जितनी जल्दी हो सके काबुल छोड़ने के लिए कहना पड़ रहा है। चीनी सरकार ने 13 दिसंबर को अफगानिस्तान में रहने वाले अपने नागरिकों से "जितनी जल्दी हो सके" देश छोड़ने का आग्रह किया। चीन की तरफ से ये बयान काबुल के एक होटल पर हुए भयानक हमले के बाद आया है।
अफगानिस्तान के तालिबान शासकों के लिए चीन की तरफ से जारी ये एडवाइजरी एक बड़ा झटका माना जा रहा है। तालिबान के शासकों की तरफ से अफागनिस्तान की अर्थव्यवस्था को बर्बाद होने से बचाने के लिए विदेशी निवेश आकर्षित करने की योजना है। चीन ने तालिबान सरकार की सहायता के लिए लाखों डॉलर का पैकेज भी दिया था। इसके एवज में तालिबान सरकार ने चीन को कई खदानों की लीज प्रदान की थी। गौरतलब है कि करीब एक साल पहले तालिबान ने फिर से अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लिया था।
12 दिसंबर को हथियारबंद लोगों ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक होटल के अंदर गोलियां चलाईं, जहां अक्सर चीनी और अन्य विदेशियों का आना-जाना लगा रहता है। इलाके के निवासियों ने कहा कि हमला एक ऐसे होटल में किया गया जहां आमतौर पर चीनी और अन्य विदेशी ठहरते हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बताया कि काबुल के एक होटल पर हुए हमले में पांच चीनी नागरिक घायल हो गए। चीन ने मामले की जांच और "हमलावरों" के लिए कड़ी सजा की भी मांग की। इसके साथ ही काबुल में चीनी स्वामित्व वाले एक होटल पर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के हमले के बाद चीन ने अपने नागरिकों को यथाशीघ्र अफगानिस्तान छोड़ने की सलाह दी है।