By विजयेन्दर शर्मा | Mar 26, 2022
मानसा । प्राकृतिक आपदा से आर्थिक रूप से बुरी तरह प्रभावित किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज घोषणा की कि भविष्य में इस तरह के किसी भी नुकसान के लिए किसानों को तत्काल मुआवजा देने की कार्रवाई बाद में हो जाएगा।आज यहां जिले में गुलाबी सुंडी हमले से प्रभावित किसानों को मुआवजा वितरित करने के आयोजन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि फसल नष्ट होने के बाद किसानों मुआवजा पाने के लिए जटिल स्थिति है । क्योंकि फसल गिरने के बाद मुआवजा मिलता है।
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पहले से ही ऐसी प्रक्रिया अपना रही है जहां किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा दिया जाता है और फिर गिरदावरी की जाती है।पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को मालवा पट्टी में सफेद और गुलाबी सुंडी से बुरी तरह क्षतिग्रस्त फसल के लिए किसानों को दिए गए घटिया बीज और कीटनाशक को दोषी ठहराते हुए इन फसलों की बर्बादी की पूरी जांच करनी चाहिए ।
आज जिले के 15 प्रभावित नरमा किसानों को मुआवजा के चेक सौंपते हुए कहा कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज व वास्तविक कीटनाशक उपलब्ध कराया होता तो किसान परिवार मंदी के दौर से नहीं गुजरते। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘किसानों का केवल खराब बीज या दवाओं से शोषण नहीं किया गया बल्कि फसलों के नुकसान पर नाम मात्र मुआवजा देकर उनका मजाक भी उड़ाया गया। "सबको रोजी-रोटी देने वाले को भी भिखारी बना दिया वक्त की सरकारों ने। "
कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाने का वादा करते हुए, भगवंत मान ने कहा कि हमारी सरकार विभिन्न विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों से परामर्श कर रही है ताकि किसानों को लाभदायक फसलों के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने कहा कि हम कृषि को घाटे का सौदा या मजबूरी का व्यापार नहीं रहने देंगे क्योंकि पंजाब कृषि प्रमुख राज्य होने के नाते यहां किसानों को आर्थिक रूप से स्थिर करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य कृषि विश्वविद्यालय को बेहतर बीज व अन्य अनुसंधान के लिए पर्याप्त धन प्रदान करेगी और बजट में भी कृषि को प्राथमिकता देगी। राज्य के कीमती प्राकृतिक सेडिमेंटरी पानी के महत्व का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि एक किलो चावल पैदा करने के लिए 3800 लीटर पानी बर्बाद होता है, यही कारण है कि हमें कम पानी की खपत वाली फसलों की ओर मुड़ना पड़ता है, क्योंकि पंजाब में कोई भी फसल उगाई जा सकती है ।
विधायकों की पेंशन को पुनः परिभाषित करने के लिए गए निर्णय के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा ऐतिहासिक कदम पूरे देश में गूंज रहा है और उच्च पेंशन का मुद्दा चर्चा का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का खजाना लोगों के लिए है और अब लोगों पर खर्च किया जाएगा। दिल्ली के विधायकों से अधिक वेतन या पेंशन के बारे में, मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में एक विधायक को भत्ते सहित केवल 54000 रुपये महीने का वेतन मिलता है जबकि एक पूर्व को सिर्फ 7200 रुपये पेंशन मिलती है।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ विजय सिंगला ने मानसा पहुंचने पर मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार ने पहले दिन से 25 हजार बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी दी है ,। ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं ताकि पंजाब को तरक्की की ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सके।
उल्लेखनीय है पिछले साल जिले में गुलाबी सुंडी के हमले से मालवा पट्टी के मानसा, बठिंडा, श्री मुक्तसर साहिब सहित कई जिलों में नरमे की फसल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई थी लेकिन किसानों को समय पर मुआवजा नहीं मिला।
अकेले मानसा जिले में गुलाबी सुंडी ने 56372 किसानों की 1.36 लाख एकड़ फसल क्षतिग्रस्त कर दी जिन्हें 231 करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में वितरित किया जा रहा है। इन किसानों को 17000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा वितरित किया गया।
मुख्यमंत्री ने आज अकांवाली के जसविंदर सिंह, जोगिंदर सिंह और गुरदेव सिंह, गांव भम्मे के मेजर सिंह और गांव रायपुर के जसविन्दर सिंह, स्वरणजीत सिंह सहित विभिन्न गांवों के किसानों को मुआवजे के चेक वितरित किए। बलविंदर सिंह और चांद सिंह गांव के भूपाल दीप सिंह, दर्शन सिंह और जसविंदर मानसा से कौर व गुरविंदर सिंह व हरपाल सिंह शामिल
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इस समय मुख्यमंत्री के विशेष मुख्य सचिव कमल किशोर यादव के साथ बुढलाडा से विधायक प्रधानाचार्य बुद्ध राम, मोर से विधायक सुखवीर सिंह मैसरखाना, सरदूलगढ़ से विधायक गुरप्रीत सिंह बनावाली, उपायुक्त श्री एम. अहिंडर पाल और एस. एस. पी. दीपक पार्क उपस्थित रहे