भाजपा में लौटने को घर वापसी बताने वाले Arvinder Singh Lovely ने छात्र राजनेता के तौर की थी अपनी पारी की शुरुआत

By Anoop Prajapati | Dec 14, 2024

राजधानी दिल्ली की गांधी नगर सीट से पूर्व विधायक अरविंदर सिंह लवली हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बने हैं । उन्होंने 2013 से 2015 तक और फिर 2023 से 2024 तक दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का पद संभाला। 1998 में वे गांधी नगर निर्वाचन क्षेत्र से सबसे कम उम्र के विधायक के रूप में दिल्ली विधानसभा के लिए चुने गए थे। लवली 2003, 2008 और 2013 में फिर से चुने गए। वे दिल्ली की शीला दीक्षित सरकार में शहरी विकास और राजस्व, शिक्षा, परिवहन, पर्यटन, भाषा, गुरुद्वारा चुनाव, स्थानीय निकाय और गुरुद्वारा प्रशासन मंत्री भी रह चुके हैं। अरविंदर सिंह लवली ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और मई 2024 को फिर से भाजपा में शामिल हो गए।


प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

अरविंदर सिंह लवली का जन्म 11 दिसंबर को 1968  बलविंदर सिंह के घर हुआ था। गांधीनगर में जन्मे और पले-बढ़े उन्होंने छोटी उम्र में ही सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों में गहरी रुचि विकसित कर ली थी। दिल्ली विश्वविद्यालय के एसजीटीबी खालसा कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई करते समय सिंह कॉलेज के छात्र संघ के लिए चुने गए और विभिन्न सामाजिक और शैक्षणिक संगठनों के साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहे। वे दिल्ली के भीमराव अंबेडकर कॉलेज के अध्यक्ष भी बने।


1990 में उन्हें दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस का महासचिव चुना गया और फिर 1992 से 1996 के बीच उन्होंने NSUI के महासचिव के रूप में कार्य किया। कांग्रेस पार्टी की दिल्ली इकाई में सबसे प्रमुख नामों में से एक लवली करीब 30 साल से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। अरविंदर सिंह लवली पहली बार 1998 में गांधी नगर सीट से दिल्ली विधानसभा के लिए चुने गए थे। साल 2017 में लवली ने कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था, लेकिन कुछ ही महीनों के बाद वो कांग्रेस में वापस लौट आए थे।


शीला सरकार में राजस्व, शिक्षा और परिवहन मंत्री रहे

लवली दिल्ली कांग्रेस के दो बार प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। 1998 से 2013 तक दिल्ली से कांग्रेस विधायक रहे। साथ ही 2003 से 2013 तक दिल्ली सरकार में मंत्री रहे। लवली ने दिल्ली में शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली सरकारों में शहरी विकास और राजस्व मंत्रालय, शिक्षा और परिवहन जैसे कई महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी संभाली। वो दिल्ली में सबसे लंबे समय तक शिक्षा मंत्री रहे। शिक्षा मंत्री रहते लवली ने स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार खत्म किया। EWS और लाडली योजनाएं शुरू की, शहरी विकास मंत्री रहते अवैध कॉलोनियां नियमित की। लवली ने क्रिकेटर से राजनेता बने गौतम गंभीर और आतिशी के खिलाफ पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वो गौतम गंभीर से 3,92,000 वोटों से हार गए थे।


2017 में बीजेपी में हुए थे शामिल

साल 2017 में लवली ने कुछ समय के लिए पार्टी से अपना नाता तोड़ लिया और अप्रैल 2017 में भाजपा में शामिल हो गए थे, लेकिन कुछ महीनों के बाद वह यह कहते हुए कांग्रेस में लौट आए कि वो बीजेपी में वैचारिक रूप से फिट नहीं है। साल 2020 के दिल्ली चुनाव में कांग्रेस ने अरविंदर सिंह लवली को विधानसभा क्षेत्र गांधी नगर से मैदान में उतारा था। जहां उनका मुकाबला आप के नवीन चौधरी और बीजेपी के अनिल बाजपेयी से था। इस सीट से आप के अनिल कुमार बाजपेयी ने जीत हासिल की थी।

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