विश्वभर में फैले कोरोना संक्रमण के बीच में भारत अपना 74वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। 15 अगस्त 1947 की आधी रात को भारत आजाद हुआ था। भारत को आजाद करने में बहुत से वीर योद्धाओं ने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। हालांकि, 15 अगस्त 1947 के दिन हमेशा की तरह लाल किले में झंडा नहीं फहराया गया था बल्कि 16 अगस्त के दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने झंडा फहरा था। तो चलिए आपको 15 अगस्त से जुड़ी वो खास बात बताते हैं जिसको जानना आपके लिए बेहत जरूरी है।
तो क्या 15 अगस्त के दिन सिर्फ हिन्दुस्तान ही अपनी आजादी का पर्व मनाता है ? यह सवाल अपने आप में काफी अहम है। दरअसल, 15 अगस्त हिन्दुस्तान के साथ-साथ दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया, बहरीन, कांगो और लिचेंस्टीन के लिए भी महत्वपूर्ण है।
दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया
दक्षिण कोरिया के साथ-साथ उत्तर कोरिया में भी 15 अगस्त के दिन आजादी का जश्न मनाते हैं क्योंकि साल 1945 में 15 अगस्त के दिन ही अमेरिका और सोवियत की सेनाओं ने कोरियाई प्रायद्वीप से जापान को ढकेला था। तभी तो 15 अगस्त के जश्न को नेशनल लिबरेशन डे ऑफ कोरिया कहा जाता है।
बहरीन
बहरीन को 15 अगस्त 1971 को आजादी मिली थी। बहरीन में पहले ब्रिटेन का शासन था लेकिन फिर दोनों देशों ने मित्र संधि पर हस्ताक्षर किया था और अंग्रेजों ने बहरीन को छोड़ दिया था।
कांगो
कांगो को 15 अगस्त 1960 में फ्रांस से आजादी मिली थी। इसीलिए कांगो में 15 अगस्त का दिन कांगोलीज नेशनल डे के तौर पर मनाया जाता है।
लिचेंस्टीन
लिचेंस्टीन 1866 में आजाद हुआ था। यहां पर पहले जर्मनी का शासन चलता था। 15 अगस्त लिचेंस्टीन में जश्न-ए-आजादी का दिन है और इस दिन लिचेंस्टीन की आम जनता को रायल फैमली के साथ बातचीत करने का मौका मिलता है।
भारत के साथ-साथ ये देश भी 15 अगस्त के दिन आजाद हुए थे लेकिन भारत का इतिहास अपने आप में खास है। जब भारत आजाद हुआ था उस वक्त भारत के पास अपना राष्ट्रगान तक नहीं था। हालांकि रवींद्रनाथ टैगोर ने 1911 में ही जन गण मन लिख दिया था, लेकिन यह 1950 में राष्ट्रगान बना था।
200 सालों तक अंग्रेजों के शासन के बाद जब भारत आजाद हुआ था तो दो टुकड़ों में बंट गया। पहला- भारत, जहां पर 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। दूसरा- पाकिस्तान, जो 14 अगस्त के दिन ही अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते आ रहा है। आजादी के समय देश का बंटवारा हो गया था लेकिन 15 अगस्त 1947 तक भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा तय नहीं हुई थी। इसका निर्णय 17 अगस्त 1947 को रेडक्लिफ लाइन के ऐलान के साथ हुआ था। जो भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमा निर्धारित करती थी।
- अनुराग गुप्ता