By टीम प्रभासाक्षी | Jan 15, 2022
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सुपरटेक के द्वारा बनाई गई 40 मंजिला ट्विन टावर को गिराने के काम में तेजी आ गई है। सुपर टेक की ओर से ट्विन टावर को गिराने के लिए अमेरिकी कंपनी एडिफिस का नाम सुझाया गया जिस पर प्राधिकरण ने मुहर लगा दी है। प्राधिकरण ने सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) के मशवरे पर कंपनी को फाइनल किया है। प्राधिकरण द्वारा सुपर टेक कंपनी को यह कहा गया है कि शनिवार तक कंपनी ट्विन टावर ध्वस्तीकरण प्रक्रिया के करार को अंतिम रूप देकर प्राधिकरण को इस बात की जानकरी दे।
सुपर टेक कंपनी की ओर से प्राधिकरण को एडिफिस की कार्ययोजना के बारे में बताया गया था। इससे पहले अमेरिकी कंपनी एडिफिस जोहांसबर्ग में 108 मीटर ऊंची इमारतों को ध्वस्त कर चुकी है। ट्विन टावर की ऊंचाई करीब 100 मीटर है और इनके बीच की दूरी 9 मीटर है। कंपनी ने अपनी कार्ययोजना में बताया है कि बिल्डिंग ठीक उसी तरह गिरती चली जाएगी जिस तरह झरने से पानी गिरता है। अंग्रेजी में इस प्रक्रिया का नाम वाटरफॉल इंप्लोजन कोलैप्स मेकेनिज्म है, इसी तरह से टावर को गिराया जाएगा। यह पूरी तरह से कंट्रोल ब्लास्ट होगा। कंपनी ने यह जानकारी भी दी कि, टावर को तोड़ने की तैयारी में 3 महीने का वक्त लगेगा। एक बार पूरी तैयारी हो जाने के बाद सिर्फ 10 सेकंड में ही इमारत ढहा दी जाएगी। इमारत का जो मलबा होगा उसे भी साफ करने में 3 महीने का वक्त लगेगा।
प्राधिकरण ने इस पूरी कार्य योजना को सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट के पास भेजा था। इसने सुझाव में कार्य योजना को शामिल करने की बात कही थी। अभी यह पूरा मामला चल ही रहा था कि खरीदारों की अवमानना याचिका सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को प्राधिकरण को आदेश दिया कि वह 17 जनवरी तक कंपनी का नाम तय करके सुप्रीम कोर्ट को इसकी जानकारी दें।