By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 21, 2021
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्विस बैंकों में जमा ‘काले धन’ में हुए इजाफे के लिए सत्तारूढ़ भाजपा को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि इस पार्टी के शासन में हुए घोटालों के कारण ही विदेश में जमा काला धन बढ़ गया है। अखिलेश ने सोमवार को यहां जारी एक बयान में कहा, भाजपा सरकार में विकास के काम शून्य के बराबर हैं... भाजपा राज में घोटालों के चलते ही विदेशों में जमा कालाधन बढ़ गया और देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) घाटे में चली गई है।
पिछले दिनों खबर थी कि स्विट्जरलैंड के सेंट्रल बैंक द्वारा जारी सालाना आंकड़ों के मुताबिक स्विस बैंकों में जमा भारतीयों का धन 20000 करोड़ रुपए को पार कर गया है जो पिछले 13 साल में सबसे ज्यादा है। इस पर वित्त मंत्रालय ने जोर देकर कहा था कि स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीय ग्राहकों की जमा राशि में 2019 से गिरावट आई है। मंत्रालय ने कहा था कि वह स्विस अधिकारियों से इस बारे में तथ्य मांग रहा है। मंत्रालय ने कहा कि इस आंकड़ों से स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के कालेधन का कोई संकेत नहीं मिलता है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने आरोप लगाया कि लोगों का विश्वास खो चुकी भाजपा अब अपने शासनकाल के आखिरी दौर में घोटालों की कमाई में लग गई है। भ्रष्टाचार कतई अर्दाश्त नहीं करने का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दावा खोखला साबित हुआ है। सपा अध्यक्ष ने कई सरकारी योजनाओं में कथित भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि बरेली के 49 परिषदीय विद्यालयों में सरकारी खाते से निकला भोजन छात्रों को मिला ही नहीं। इसके अलावा कानपुर में शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना में 6.50 करोड़ रूपए का घपला सामने आया है। उन्होंने आरोप लगाया कि लखनऊ में परमिट नवीनीकरण में वसूले गये जुर्माने में 15 करोड़ रुपये का गबन हो गया। बरेली के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में बिना छात्राओं की उपस्थिति के भोजन, पानी, अन्य सुविधाओं के नाम पर 84 लाख रूपए का खर्च दिखा दिया गया। बरेली के अलावा प्रदेश के 17 जिलों में भी घपले होने की चर्चा है।
अखिलेश ने दावा किया कि भाजपा के शासन काल में उत्तर प्रदेश की बदहाली की इबारत लिख दी गई है। जनता त्रस्त है और कानून व्यवस्था ध्वस्त है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व भी अब समझने लगा है कि अगले विधानसभा चुनाव में उसका सत्ता से बाहर होना तय है और समाजवादी सरकार बनने वाली है। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ पार्टी के अंदर ही विरोध के स्वर उभरने लगे हैं और दो जिम्मेदार मंत्रियों ने कह दिया कि चुनाव बाद केन्द्र तय करेगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा? प्रदेश की राजनीति में यह स्थिति हास्यास्पद है।