By अनुराग गुप्ता | Oct 03, 2019
मोदी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 के कुछ प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद से हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। इतना ही नहीं पाकिस्तान ने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों से भारत को परमाणु युद्ध की धमकी तक दे चुका है। हालांकि पाकिस्तान ने खुद यह भी स्वीकार किया है कि अगर दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ तो उसे भारी नुकसान होगा। इसलिए वह पहले पहल नहीं करेगा और रही भारत की बात तो भारत ने हमेशा ही शांति का संदेश दिया है।
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा परमाणु हमले पर दिए गए बयानों के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध किए जा रहे हैं कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ तो क्या होगा ? इसी तरह के सवाल के साथ हाल ही में अमेरिका की रटगर्स यूनिवर्सिटी ने एक रिपोर्ट पेश की है। जिसमें दावा किया गया है कि अगर दोनों पड़ोसी देशों के बीच परमाणु युद्ध हुआ तो करीब 10 करोड़ लोगों की जान जाएगी और इसमें भारत-पाकिस्तान दोनों की ही आवाम शामिल होगी।
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि कश्मीर मुद्दे से बौखलाए पाकिस्तान पोषित आतंकवादी भारत में हमले तेज कर सकता हैं और वह नई दिल्ली में स्थिति भारतीय संसद को भी निशाना बना सकते हैं। इस घटना के बाद भारत पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई करेगा और फिर युद्ध की शुरुआत हो सकती है।
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अमेरिका की रटगर्स यूनिवर्सिटी के अध्ययनकर्ता एलन रोबक के मुताबिक दोनों देशों के बीच गतिरोध चरम पर है और लाइन ऑफ कंट्रोल के पास लोग मारे जा रहे हैं। इस तरह की घटनाएं धीरे-धीरे बड़ा रूप अख्तियार कर लेंगी। रिपोर्ट में बताया गया कि भारत और पाकिस्तान के अभी करीब 150 परमाणु हथियार हैं, लेकिन 2025 तक इनकी संख्या बढ़कर 200 के पार हो जाएगी और अगर दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ गया तो 10 करोड़ से ज्यादा लोगों की जान जाएगी।
परमाणु हमले के बाद होती है असल तबाही
अगर दोनों के देशों के बीच परमाणु युद्ध हुआ तो उसके बाद क्या हालात पैदा हो सकते हैं इसका रिपोर्ट में पूरा आकलन किया गया है। मतलब कि युद्ध के बाद की महामारी, परमाणु रेडिएशन का क्या असर पड़ेगा, वनस्पति, सांस लेने में तकलीफ का पैदा होना जैसी समस्याओं का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि अगर दोनों पड़ोसी देशों के बीच सुलह नहीं होती है तो दक्षिण एशिया में तबाही का सबसे काला इतिहास (Black History) लिखा जाएगा। इस रिपोर्ट में मध्य एशिया के कुछ देशों की भी चर्चा की गई है लेकिन उन्होंने सबसे अधिक तवज्जो भारत-पाकिस्तान के बीच पनपे मामले को दी है।