Maldives में भिड़े भारत-चीन, मुइज्जू के दोस्त की उड़ा दी धज्जियां

Maldives
Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Feb 23 2024 6:50PM

श्रीलंका और मालदीव के साथ मिलकर भारत का ये युद्धभ्यास कई मायनों में अहम माना जा रहा है। वहीं तीनों देशों के युद्धभ्यास में बांग्लादेश ऑबजर्वर है। 25 फरवरी तक दोस्ती 16 का युद्धभ्यास चलेगा।

श्रीलंका और मालदीव के साथ मिलकर भारत ने युद्धअभ्यास शुरू कर दिया है। इसका नाम दोस्ती है। लेकिन बड़ी बात ये है कि मालदीव की राजधानी माले में ये युद्धभ्यास ठीक ऐसे समय पर हो रहा है, जब भारत का मुइज्जु सरकार से विवाद चरम पर है। दूसरी तरफ खुद चीनी जहाज भी माले पहुंचा है। वहीं युद्धभ्यास की बात करें तो इसका ये 16वां संस्करण है। ऐसे में इसे दोस्ती 16 नाम दिया गया है। भारत भी अपना दम दिखाने आईसीजीएस समर्थ, आईसीजीएस अभिनव, आईसीजी डॉनियर के साथ मालदीव पहुंचा है। श्रीलंका और मालदीव के साथ मिलकर भारत का ये युद्धभ्यास कई मायनों में अहम माना जा रहा है। वहीं तीनों देशों के युद्धभ्यास में बांग्लादेश ऑबजर्वर है। 25 फरवरी तक दोस्ती 16 का युद्धभ्यास चलेगा। 

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मालदीव सरकार ने अनुसंधान और सर्वेक्षण करने में सक्षम अनुसंधान पोत को 23 जनवरी को माले बंदरगाह पर उतरने की अनुमति दे दी। अधिकारियों ने कहा कि जहाज का ठहराव केवल पुनःपूर्ति उद्देश्यों के लिए था और आश्वासन दिया कि वह किसी भी अनुसंधान गतिविधियों में शामिल नहीं होगा। भारत ने हिंद महासागर के पानी में जियांग यांग होंग 03 जहाज की आवाजाही के बारे में चिंता व्यक्त की है और श्रीलंका पर भी दबाव डाला है कि वह जहाज को कोलंबो बंदरगाह पर खड़ा करने की अनुमति देने से इनकार कर दे। फरवरी में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि जहाज की गतिविधियाँ समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (यूएनसीएलओएस) का अनुपालन करती हैं।

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एक तरफ ये युद्धभ्यास चल रहा है तो दूसरी तरफ चीन इस पर नजर गड़ाए बैठा है। चाइनिज रिसर्च वेसल जियांग यांग होंग ने माले बंदरगाह के पास लंगर डाला है। चीन की इस हरकत और मालदीव सरकार को उसे सहयोग कर जहाज को आने देना भारत को पसंद नहीं आया। भारत ने इसकी गतिविधियों पर चिंता जाहिर की है। चीनी जहाज मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्र के पास करीब एक महीना बिताने के बाद 22 फरवरी को माले पहुंचा। बड़ी बात ये है कि इस रिसर्च वेसल ने मुइज्जू की चीन की राजकीय यात्रा खत्म होने के 24 घंटे बाद 14 जनवरी को अपनी यात्रा शुरू की थी। चीन का जहाज माले ऐसे वक्त में पहुंचा है जब भारत के जहाज भी वहां पर मौजूद हैं। 

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