एस जयशंकर के बयान से चीन को लगी मिर्ची, बौखलाहट में कहा- अरुणाचल प्रदेश पर भारत का अवैध कब्जा, हम नहीं देंगे मान्यता

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ANI
अंकित सिंह । Mar 25 2024 6:27PM

सोमवार को, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने शनिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के दावे पर प्रतिक्रिया करते हुए चीन के दावे को दोहराया। एस जयशंकर ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन के बार-बार के दावों को "हास्यास्पद" बताया और कहा कि सीमावर्ती राज्य "भारत का स्वाभाविक हिस्सा" था।

चीन ने सोमवार को भी दावा करना जारी रखा कि अरुणाचल प्रदेश उसके क्षेत्र का हिस्सा है, हालांकि भारत ने बीजिंग के दावे को "बेतुका" और "हास्यास्पद" बताकर खारिज कर दिया। सोमवार को, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने शनिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के दावे पर प्रतिक्रिया करते हुए चीन के दावे को दोहराया। एस जयशंकर ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन के बार-बार के दावों को "हास्यास्पद" बताया और कहा कि सीमावर्ती राज्य "भारत का स्वाभाविक हिस्सा" था।

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लिन ने जयशंकर की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया जानने के लिए आधिकारिक मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा कभी तय नहीं हुई है। लिन ने दावा किया कि ज़ंगनान, अरुणाचल प्रदेश के लिए चीन का आधिकारिक नाम, भारत द्वारा "अवैध रूप से कब्ज़ा" करने से पहले हमेशा चीन का हिस्सा था। उन्होंने कहा, चीन का हमेशा से इस क्षेत्र पर प्रभावी प्रशासन रहा है। यह दावा करते हुए कि यह एक "निर्विवाद तथ्य" है, उन्होंने कहा कि भारत ने 1987 में अवैध रूप से कब्जे वाले क्षेत्र पर "तथाकथित अरुणाचल प्रदेश" की स्थापना की है। लिन ने कहा, "हमने उनके कार्यों के खिलाफ कड़े बयान जारी किए हैं और जोर दिया है कि उनकी कार्रवाई अप्रभावी है और चीन की इस स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है।"

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अरुणाचल पर चीन द्वारा अक्सर किये जाने वाले दावे और भारतीय राजनीतिक नेताओं द्वारा प्रदेश के किये जाने वाले दौरे का चीन के विरोध करने पर संभवत: अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में जयशंकर ने कहा कि यह कोई नया मुद्दा नहीं है। उन्होंने यहां नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (एनयूएस) के ‘साउथ एशियन स्टडीज इंस्टीट्यूट’ में एक व्याख्यान देने के बाद अरुणाचल मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह कोई नया मुद्दा नहीं है। मेरा मतलब है कि चीन ने दावा किया है, इसने अपने दावे को दोहराया है। ये दावे शुरू से बेतुके हैं और आज भी बेतुके बने हुए हैं।’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अरुणाचल प्रदेश ‘‘भारत का एक स्वाभाविक हिस्सा’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, मुझे लगता है कि हम इस पर बहुत स्पष्ट रहे हैं और हमारा एकसमान रुख रहा है। और मुझे लगता है कि आप जानते हैं कि यह ऐसी चीज है, जो वर्तमान में जारी सीमा वार्ता का हिस्सा है।’’

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